नवीनतम संस्करण
आप सबका भरपूर स्नेह एवं प्यार मिल रहा है । यही कारण है कि मेरी पुस्तकों के कई सेकई संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक. असाध्य रोगों की सरल चिकित्सा का नवीनतम परिवर्द्धित एवं संशोधित संस्करण आपके हाथों में सौंपते हुए अपार हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। आप लोग जिस सहजता सहृदयता एवं अपनेपन से मेरी पुस्तकों के सम्बन्ध में प्रेम भरे पत्र लिखते है। उन्हें पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि मेरी लेखनी को सही एवं नई स्वस्फूर्त दिशा मिलती जा रही है।
प्रस्तुत पुस्तक में कई नए विषय जोडे गए हैं । विश्व की औसत आयु बढने के कारण बुढ़ापे के अनेक रोग, जैसे पार्किन्सन तथा एलजीमर (बुढ़ापे का पागलपन) आदि से ग्रस्त रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है । इसके सम्बन्ध में सविस्तार चर्चा की गई है । विश्व में प्रतिस्पर्द्धा एवं तनाव जीवन का अहम् हिस्सा बन गए हैं, चाहते हुए भी उससे मुक्त रहना मुश्किल है । ऐसी परिस्थिति में तनाव के साथ कैसे जिया जाए? क्रोध या गुस्से से आप सभी का भली से भाँति परिचय होगा ही । चिन्ता, दुश्चिन्ता जीवन में पुन की तरह लगकर जीवन को अन्दर ही अन्दर खोखला कर रही है । इन सबसे बचने के उपाय एवं इनके शारीरिक. मानसिक एवं आध्यात्मिक उपचार के सम्बन्ध में सविस्कृत अनुभव गम्य जानकारी दी गई है ।
सेक्स जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है किन्तु उसे हमेशा तिरस्कार की दृष्टि से देखा गया है । पाठय सेपुस्तकों से उसे बहिष्कृत किया गया है । परिणामत युवा वर्ग अनेक घृणित रोगों से ग्रस्त हो रहा है । सेक्स से सम्बन्धित तीन महत्वपूर्ण बीमारियों सेएड्स, नपुंसकता तथा स्वप्नदोष के सम्बन्ध में आधुनिक एवं प्राचीन चिकित्सा के आधार पर सविस्तार जानकारी दी गई है । इन रोगों को लेकर लोगों में अनेक भ्राँतियाँ हैं, उन्हें दूर करने का हरसंभव प्रयास किया गया है ।
प्रिय सुविज्ञ, सजग पाठक! आपकी भावनाओं आवश्यकताओं, सफल एवं स्वस्थ भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत पुस्तक लिखी गई है । आशा है कि आप इसे पसन्द करेंगे । आपको यह पुस्तक कैसी लगी इस सम्बन्ध में भी आप लिखेंगे । आप एवं आपके परिवार के दिव्य सौन्दर्य, स्वास्थ्य, समृद्धि. समता, सुख एवं शांति की मंगलकामना के साथ । भला हो! कल्याण हो! सुखी हो! स्वस्थ हो!
विषय सूची |
||
1 |
प्रकृति और हमारा स्वास्थ्य |
1 से 2 |
2 |
स्वास्थ्य का संगीत प्राकृतिक चिकित्सा |
3 से 6 |
3 |
बापू प्राकृतिक चिकित्सा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य |
7 से 11 |
4 |
उन्मुक्त विकृत सेक्स प्राणलेवा महामारी एड्स |
12 से 21 |
5 |
आधुनिक सभ्यता का अभिशाप उच्चरक्तचाप |
22 से 31 |
6 |
दीर्घ जीवन की माप निम्नरक्तचाप |
32 से 36 |
7 |
अकस्मात् देता शोक हाय हृदय रोग |
37 से 44 |
8 |
स्वास्थ्य और सौन्दर्य का दुश्मन हाय! मोटापा |
45 से 50 |
9 |
स्वस्थ जीवन से तोड़ा नेह ओह घातक मारक मधुमेह |
51 से 56 |
10 |
दमा दम के साथ जाय? नहीं मेरे भाय! |
57 से 61 |
11 |
सुखी जीवन को करे मात गठिया और संधिवात |
62 से 71 |
12 |
प्रतिस्पर्द्धा तनाव निद्रानाश (अनिद्रा) |
72 से 78 |
13 |
कैंसर का आनसर योग व नेचरक्योर |
79 से 85 |
14 |
साइनोसाइटिस फ्लू (इन्फ्लुएंजा) |
86 से 88 |
15 |
सिर दर्द |
89 से 94 |
16 |
हाइपोथायरॉयडिज़्म का प्राकृतिक उपचार |
95 से 98 |
17 |
बुढ़ापे के पागलपन (डिमिन्शिया एलजीमर) का शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक प्रबन्धन |
99 से 112 |
18 |
तनावजन्य भूख से सम्बन्धित रोग से बचने के उपाय |
113 से 116 |
19 |
कुरूपता से कैसे बचें सेप्राकृतिक उपचार |
117 से 123 |
20 |
विभिन्न मानसिक रोग प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग |
124 से 135 |
21 |
महारोग ' क्रोध' का प्राकृतिक उपचार |
136 से145 |
22 |
तनाव का प्राकृतिक उपचार |
146 से 153 |
23 |
चिन्ता और दुश्चिन्ता का यौगिक तथा प्राकृतिक उपचार |
154 से 174 |
24 |
नपुंसकता कारण, लक्षण एवं नैसर्गिक निवारण |
175 से187 |
25 |
स्वप्नदोष |
188 से 196 |
26 |
गाओ! मेरे प्यारे मीत जीवन मधुर सुगम संगीत |
197 से198 |
27 |
मित्र रोग जुकाम, उल्टी तथा दस्त, दर्द, बुखार |
199 से 211 |
28 |
शत्रु रोग कोष्ठबद्धता, अग्निमंदता, पुराना पेचिश, अम्ल पित्त |
212 से 218 |
29 |
शत्रु रोगों का जीर्ण रोगों से सम्बन्ध |
219 से 221 |
30 |
पार्किन्सन रोग की प्राकृतिक चिकित्सा |
222 से253 |
31 |
प्राकृतिक चिकित्सा रो लाभान्वित विभिन्न असाध्य रोगियों का विवरण |
254 से 278 |
32 |
समर्पित कर्मयोगी डॉ नीरज |
279 से 281 |
नवीनतम संस्करण
आप सबका भरपूर स्नेह एवं प्यार मिल रहा है । यही कारण है कि मेरी पुस्तकों के कई सेकई संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक. असाध्य रोगों की सरल चिकित्सा का नवीनतम परिवर्द्धित एवं संशोधित संस्करण आपके हाथों में सौंपते हुए अपार हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। आप लोग जिस सहजता सहृदयता एवं अपनेपन से मेरी पुस्तकों के सम्बन्ध में प्रेम भरे पत्र लिखते है। उन्हें पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि मेरी लेखनी को सही एवं नई स्वस्फूर्त दिशा मिलती जा रही है।
प्रस्तुत पुस्तक में कई नए विषय जोडे गए हैं । विश्व की औसत आयु बढने के कारण बुढ़ापे के अनेक रोग, जैसे पार्किन्सन तथा एलजीमर (बुढ़ापे का पागलपन) आदि से ग्रस्त रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है । इसके सम्बन्ध में सविस्तार चर्चा की गई है । विश्व में प्रतिस्पर्द्धा एवं तनाव जीवन का अहम् हिस्सा बन गए हैं, चाहते हुए भी उससे मुक्त रहना मुश्किल है । ऐसी परिस्थिति में तनाव के साथ कैसे जिया जाए? क्रोध या गुस्से से आप सभी का भली से भाँति परिचय होगा ही । चिन्ता, दुश्चिन्ता जीवन में पुन की तरह लगकर जीवन को अन्दर ही अन्दर खोखला कर रही है । इन सबसे बचने के उपाय एवं इनके शारीरिक. मानसिक एवं आध्यात्मिक उपचार के सम्बन्ध में सविस्कृत अनुभव गम्य जानकारी दी गई है ।
सेक्स जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है किन्तु उसे हमेशा तिरस्कार की दृष्टि से देखा गया है । पाठय सेपुस्तकों से उसे बहिष्कृत किया गया है । परिणामत युवा वर्ग अनेक घृणित रोगों से ग्रस्त हो रहा है । सेक्स से सम्बन्धित तीन महत्वपूर्ण बीमारियों सेएड्स, नपुंसकता तथा स्वप्नदोष के सम्बन्ध में आधुनिक एवं प्राचीन चिकित्सा के आधार पर सविस्तार जानकारी दी गई है । इन रोगों को लेकर लोगों में अनेक भ्राँतियाँ हैं, उन्हें दूर करने का हरसंभव प्रयास किया गया है ।
प्रिय सुविज्ञ, सजग पाठक! आपकी भावनाओं आवश्यकताओं, सफल एवं स्वस्थ भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत पुस्तक लिखी गई है । आशा है कि आप इसे पसन्द करेंगे । आपको यह पुस्तक कैसी लगी इस सम्बन्ध में भी आप लिखेंगे । आप एवं आपके परिवार के दिव्य सौन्दर्य, स्वास्थ्य, समृद्धि. समता, सुख एवं शांति की मंगलकामना के साथ । भला हो! कल्याण हो! सुखी हो! स्वस्थ हो!
विषय सूची |
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1 |
प्रकृति और हमारा स्वास्थ्य |
1 से 2 |
2 |
स्वास्थ्य का संगीत प्राकृतिक चिकित्सा |
3 से 6 |
3 |
बापू प्राकृतिक चिकित्सा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य |
7 से 11 |
4 |
उन्मुक्त विकृत सेक्स प्राणलेवा महामारी एड्स |
12 से 21 |
5 |
आधुनिक सभ्यता का अभिशाप उच्चरक्तचाप |
22 से 31 |
6 |
दीर्घ जीवन की माप निम्नरक्तचाप |
32 से 36 |
7 |
अकस्मात् देता शोक हाय हृदय रोग |
37 से 44 |
8 |
स्वास्थ्य और सौन्दर्य का दुश्मन हाय! मोटापा |
45 से 50 |
9 |
स्वस्थ जीवन से तोड़ा नेह ओह घातक मारक मधुमेह |
51 से 56 |
10 |
दमा दम के साथ जाय? नहीं मेरे भाय! |
57 से 61 |
11 |
सुखी जीवन को करे मात गठिया और संधिवात |
62 से 71 |
12 |
प्रतिस्पर्द्धा तनाव निद्रानाश (अनिद्रा) |
72 से 78 |
13 |
कैंसर का आनसर योग व नेचरक्योर |
79 से 85 |
14 |
साइनोसाइटिस फ्लू (इन्फ्लुएंजा) |
86 से 88 |
15 |
सिर दर्द |
89 से 94 |
16 |
हाइपोथायरॉयडिज़्म का प्राकृतिक उपचार |
95 से 98 |
17 |
बुढ़ापे के पागलपन (डिमिन्शिया एलजीमर) का शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक प्रबन्धन |
99 से 112 |
18 |
तनावजन्य भूख से सम्बन्धित रोग से बचने के उपाय |
113 से 116 |
19 |
कुरूपता से कैसे बचें सेप्राकृतिक उपचार |
117 से 123 |
20 |
विभिन्न मानसिक रोग प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग |
124 से 135 |
21 |
महारोग ' क्रोध' का प्राकृतिक उपचार |
136 से145 |
22 |
तनाव का प्राकृतिक उपचार |
146 से 153 |
23 |
चिन्ता और दुश्चिन्ता का यौगिक तथा प्राकृतिक उपचार |
154 से 174 |
24 |
नपुंसकता कारण, लक्षण एवं नैसर्गिक निवारण |
175 से187 |
25 |
स्वप्नदोष |
188 से 196 |
26 |
गाओ! मेरे प्यारे मीत जीवन मधुर सुगम संगीत |
197 से198 |
27 |
मित्र रोग जुकाम, उल्टी तथा दस्त, दर्द, बुखार |
199 से 211 |
28 |
शत्रु रोग कोष्ठबद्धता, अग्निमंदता, पुराना पेचिश, अम्ल पित्त |
212 से 218 |
29 |
शत्रु रोगों का जीर्ण रोगों से सम्बन्ध |
219 से 221 |
30 |
पार्किन्सन रोग की प्राकृतिक चिकित्सा |
222 से253 |
31 |
प्राकृतिक चिकित्सा रो लाभान्वित विभिन्न असाध्य रोगियों का विवरण |
254 से 278 |
32 |
समर्पित कर्मयोगी डॉ नीरज |
279 से 281 |