प्रकाशक का निवेदन
युनेस्को (युनाइटेड नेशन्स एज्युकेशनल साइटिफिक एण्ड कल्चरल ऑर्गेनिजेशन) ने विश्वकी आजकी विषम स्थितिमें गांधीजीके जीवन और उनके कार्य तथा संदेशका लोगोंको परिचय करानेकी दृष्टिसे 'ऑल मैन आर ब्रदर्स' नामक एक अंग्रेजी सग्रह प्रकाशित किया है, जिसमें उनकी आत्मकथाका मुख्य।
भाग तथा अन्य लेखोंसे महत्वपूर्ण विचारोंके उद्धरणोंका समावेश किया गया है। इस संग्रहकी रचना इस प्रकार की गई है कि जो वाचक गांधीजीके विशाल साहित्यकों न पढ़ सकें उसे इस संग्रहके द्वारा उनके कार्य, उनकी कार्यपद्धति तथा उनके विचारों का परिचय हो सकें। यह सग्रह फ़्रेंच तथा स्पेनिश भाषामें भी प्रकाशित किया गया है।
नवजीवनने इस अंग्रेजी संग्रहकी भारतीय आवृत्ति तथा हिन्दी और गुजराती में अनुवाद प्रकाशित किये हैं। इन तीनों भाषाओके संस्करणोंका जनताकी औंरसे अच्छा स्वागत हुआ है और अब-तक इनकी तीन-तीन आवृत्तियां प्रकाशित हो चुकी हैं ।
यह छोटी-सी पुस्तक 'गांधीजीका जीवन-उन्हीं के शब्दोंमें' युनेस्को द्वारा प्रकाशित ऑल मैन अरि ब्रदर्स' का पहला प्रकरण है। इसमें गांधीजीके जन्मसे लेकर सन् 1948 की 30 तारीख को उनका अवसान हुआ उसकें बीस घंटेसे भी कम समय तकका जीवन और विचार समा लिये गये हैं। इस अत्यन्त संक्षिप्त किन्तु फिर भी सम्पूर्ण और सर्वागीण सग्रहका संपादन थी कृष्ण कृपालानीने किया है, जो फिलहाल नेशनल बुक ट्रस्टके अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस लघु संग्रहको प्रकाशित करनेकी हमें अपनी अनुमति दी हैं; इसकें लिए हम उनके कृतज्ञ हुए। आम जनता में और खास करके तरुण पीढ़ीमें गांधीजीके विषयमें अधिक जानने-समझने की जो जिज्ञासा उत्पन्न हुई है, उसे संतुष्ट करनेकी दृष्टिसे गांधीजीका जीवन-उन्हींके शब्दोंमें नामक यह छोटी-सी पुस्तक मात्र लागत कीमत पर जनताको सुलभ की जा रही हैं। आशा है हिन्दी भाषा-भाषी इसका अच्छा स्वागत करेंगे। साथ ही इसकें अंग्रेजी और गुजराती संस्करण भी प्रकाशित हो चुके हैं।
प्रकाशक का निवेदन
युनेस्को (युनाइटेड नेशन्स एज्युकेशनल साइटिफिक एण्ड कल्चरल ऑर्गेनिजेशन) ने विश्वकी आजकी विषम स्थितिमें गांधीजीके जीवन और उनके कार्य तथा संदेशका लोगोंको परिचय करानेकी दृष्टिसे 'ऑल मैन आर ब्रदर्स' नामक एक अंग्रेजी सग्रह प्रकाशित किया है, जिसमें उनकी आत्मकथाका मुख्य।
भाग तथा अन्य लेखोंसे महत्वपूर्ण विचारोंके उद्धरणोंका समावेश किया गया है। इस संग्रहकी रचना इस प्रकार की गई है कि जो वाचक गांधीजीके विशाल साहित्यकों न पढ़ सकें उसे इस संग्रहके द्वारा उनके कार्य, उनकी कार्यपद्धति तथा उनके विचारों का परिचय हो सकें। यह सग्रह फ़्रेंच तथा स्पेनिश भाषामें भी प्रकाशित किया गया है।
नवजीवनने इस अंग्रेजी संग्रहकी भारतीय आवृत्ति तथा हिन्दी और गुजराती में अनुवाद प्रकाशित किये हैं। इन तीनों भाषाओके संस्करणोंका जनताकी औंरसे अच्छा स्वागत हुआ है और अब-तक इनकी तीन-तीन आवृत्तियां प्रकाशित हो चुकी हैं ।
यह छोटी-सी पुस्तक 'गांधीजीका जीवन-उन्हीं के शब्दोंमें' युनेस्को द्वारा प्रकाशित ऑल मैन अरि ब्रदर्स' का पहला प्रकरण है। इसमें गांधीजीके जन्मसे लेकर सन् 1948 की 30 तारीख को उनका अवसान हुआ उसकें बीस घंटेसे भी कम समय तकका जीवन और विचार समा लिये गये हैं। इस अत्यन्त संक्षिप्त किन्तु फिर भी सम्पूर्ण और सर्वागीण सग्रहका संपादन थी कृष्ण कृपालानीने किया है, जो फिलहाल नेशनल बुक ट्रस्टके अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस लघु संग्रहको प्रकाशित करनेकी हमें अपनी अनुमति दी हैं; इसकें लिए हम उनके कृतज्ञ हुए। आम जनता में और खास करके तरुण पीढ़ीमें गांधीजीके विषयमें अधिक जानने-समझने की जो जिज्ञासा उत्पन्न हुई है, उसे संतुष्ट करनेकी दृष्टिसे गांधीजीका जीवन-उन्हींके शब्दोंमें नामक यह छोटी-सी पुस्तक मात्र लागत कीमत पर जनताको सुलभ की जा रही हैं। आशा है हिन्दी भाषा-भाषी इसका अच्छा स्वागत करेंगे। साथ ही इसकें अंग्रेजी और गुजराती संस्करण भी प्रकाशित हो चुके हैं।