मर्यादा पुरुषोत्तमभगवान राम: Maryada Purushottam Bhagwan Ram (Jeevan or Darshan)

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Item Code: NZA237
Publisher: Lokbharti Prakashan
Author: जयराम मिश्र (Jai Ram Mishra)
Language: Hindi
Edition: 2010
ISBN: 9788180315060
Pages: 398
Cover: Paperback
Other Details 8.5 inch X 5.5 inch
Weight 330 gm
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Book Description


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लेखक परिचय

डॉ. जयराम मिश्र

 

जन्म - सन् 1915, मदरा मुकुन्दपुर, जिला इलाहाबाद में । पिता एवं आध्यात्मिक गुरुआत्मज्ञ विभूति पं. रामचन्द्र मिश्र ।

 

शिक्षा - एम.ए., एम.एड., पी.एच.डी., उपाधियाँ प्राप्त की । हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी के साथ-साथ बँगला और. पंजाबी भाषा-साहित्य का गहन अध्ययन किया तथा उनके अनेक ग्रंथों का हिन्दी अनुवाद किया।

 

गतिविधियाँ - युवावस्था में स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय रहे तथा सन् 42 के आन्दोलन में भाग लेने पर राजद्रोह का मुकदमा चला और छ: वर्ष का कारावास दण्ड मिला। जेल में रहकर आध्यात्मिक ग्रंथों-गीता, उपनिषद, ब्रह्मसूत्र आदि का गहन चिंतन-मनन किया फलत: दिव्य आध्यात्मिक अनुभूतियाँ प्राप्त की ।

 

कृतियाँ - इलाहाबाद डिग्री कालेज में अध्यापन करते हुए अनेके ग्रंथों का प्रणयन किया ।' श्रीगुरु ग्रंथ-दर्शन' तथा 'नानक वाणी' कृतियों ने हिन्दी तथा पंजाबी में स्थायी प्रतिष्ठा प्रदानकी । लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद से प्रकाशित जीवन-ग्रंथों, जैसे - गुरु नानक, स्वामी रामतीर्थ, आदि गुरु शंकराचार्य, मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम. लीलापुरुषोत्तम भगवान कृष्ण, शक्तिपुंज हनुमान ने अपनी कथात्मक ललित शैली, सहज भाषा-प्रवाह तथा स्वयं एक संत की लेखनी सै प्रणीत होने के कारण अत्यधिक लोकप्रियता प्राप्त की ।

 

नैष्ठिक ब्रह्मचारी डॉ. मिश्र मूलत: आत्मस्वरुप में स्थित उच्चकोटि के संत और धार्मिक विभूति थे । एषणाहीन, निरन्तर नामजप एवं नित्य चैतन्यामृत में लीन, परम लक्ष्य संकल्पित उनका जीवन आज के युग में एक दुर्लभ उदाहरण है ।

 

निधन - सन् 1987 में ।

 

अनुक्रम

1

आसुरी तत्व की प्रधानता और रामावतार की आवश्यकता दे

9

2

पूर्ण ब्रह्मा भगवान् श्रीराम का आविर्भाव

20

3

बाल्यकाल, विद्यार्जन और विश्वामित्र का साहचर्य

32

4

मिथिलापुरी-गमन, धनुष-भंग एवं विवाह

45

5

राज्यभिषेककी तैयारी ओर उसमें कैकेयी द्वारा विघ्न

59

6

वनगमन

77

7

सुमंत्र की अयोध्या-वापसी

84

8

श्रीराम को लौटाने का भरत जी का प्रयास

92

9

श्रीराम का दण्डकारण्य की ओर प्रस्थान ने

108

10

पंचवटी में निवास

119

11

सीता की खोज

133

12

बालि का वध

145

13

वानरों का किष्किधापुरी से प्रयाण

157

14

हनुमानजी का समुद्रोल्लंधन ओर लंका-प्रवेश

166

15

हनुमानजी-रावण संवाद तथा लंकादहन

179

16

वानर सेना का प्रस्थान

186

17

युद्ध

199

18

विभीषण को राज्याभिषेक और सीताजी की अग्नि-परीक्षा

240

19

श्रीराम का अयोध्या लौटना

248

20

राज्याभिषेक

254

21

भगवान् श्रीराम की शेष लीलाएँ

265

22

महाप्रयाण

275

23

रामराज्य का स्वरूप

281

24

श्रीराम का रामत्व

286

25

श्रीराम-दर्शन

299

 

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