पुस्तक के विषय में
हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुगलकालीनतथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था। तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था इनको आधार बनाकर उन्होंने सैकड़ों कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो आज भी सार्थक हैं । साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखीं प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद कीं और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।
क्रम
1
अम्बपालिका
7
2
दुखवा मैं कासे कहूँ मोरी सजनी
24
3
बावर्चिन
33
4
हल्दी घाटी में
43
5
नवाब ननकू
52
6
ककड़ी की कीमत
67
काहनी ख़त्म हो गई
73
8
जीवन्मृत
91
9
मुहब्बत
108
10
राजा साहब की कुतिया
121
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