नव योगिनी तंत्र
नव योगिनी तंत्र में आज के समाज की बदलती परिस्थतियों के संदर्भ में स्त्रियों की आवश्यकताओं एवं बहुआयामी समस्याओं के योग सम्मत समाधान हेतु विस्तृत परामर्श सुझाये गये हैं। प्रत्येक नारी की अनूठी जीवन-यात्रा से संबंधित विविध पहलुओं पर वृहत् सिंहावलोकन प्रस्तुत किया गया है और नारी के विविध रूपों एवं बहुविध भूमिकाओं से अवगत कराने की चेष्टा भी की गयी है। इसमें देवी, किशोरी एवं पूर्ण विकसित नारी के वर्तमान रूप की झाँकी आपको प्राप्त होगी।
इस पुस्तक में आपस नारी शरीर विज्ञान, नारी मनोविज्ञान, सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलू विवाह, एकल नारी-जीवन एवं संन्यास-जीवन आदि विभित्र शीर्षकों के अंतर्गत समग्र दृष्टि से नारी-जीवन का विश्लेषण पायेंगे। इसमें रज: स्त्राव, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, अवसाद, पीठ-दर्द, वजन की समस्यओं से निबटने हेतु योगाभ्यास-कार्यक्रम सुझाया गया है। प्रारम्भिक, मध्यवर्ती एवं उच्च स्तरीय योगाभ्यासियों के लिए साधना का सामान्य मार्गदर्शन प्रदान किया गया है और रेखा-चित्र भी दिये गये हैं।
विषय-सूची |
||
नारी और अध्यात्म |
3 |
|
नारी शरीर |
9 |
|
योग शरीर |
20 |
|
मासिक चक्र |
32 |
|
रजोदर्शन एवं रजोनिवृत्ति |
44 |
|
स्त्रीत्व का विकास |
58 |
|
आद्या शक्ति |
71 |
|
विवाह |
80 |
|
अन्य विकल्प |
90 |
|
आत्म स्थित भगवती |
102 |
|
कुछ विशेष प्रयुक्तियाँ |
||
पीठ दर्द |
115 |
|
विषाद |
124 |
|
शिरोवेदना |
143 |
|
श्वेत प्रदर |
151 |
|
ऋतुस्राव सम्बन्धी अनियमिततायें |
159 |
|
मोटापा (शारीरिक बोझ) |
166 |
|
गर्भावस्था |
176 |
|
भ्रंश |
199 |
|
मूत्र प्रणाली के रोग |
203 |
|
अपस्फीत शिरा |
211 |
|
नारियों के लिए योग साधना |
||
साधना के लिए मार्गदर्शन |
219 |
|
प्रारम्भिक अभ्यासियों के लिए |
221 |
|
मध्यम वर्ग की साधना |
232 |
|
उच्च साधना |
245 |
|
नव योगिनी तंत्र
नव योगिनी तंत्र में आज के समाज की बदलती परिस्थतियों के संदर्भ में स्त्रियों की आवश्यकताओं एवं बहुआयामी समस्याओं के योग सम्मत समाधान हेतु विस्तृत परामर्श सुझाये गये हैं। प्रत्येक नारी की अनूठी जीवन-यात्रा से संबंधित विविध पहलुओं पर वृहत् सिंहावलोकन प्रस्तुत किया गया है और नारी के विविध रूपों एवं बहुविध भूमिकाओं से अवगत कराने की चेष्टा भी की गयी है। इसमें देवी, किशोरी एवं पूर्ण विकसित नारी के वर्तमान रूप की झाँकी आपको प्राप्त होगी।
इस पुस्तक में आपस नारी शरीर विज्ञान, नारी मनोविज्ञान, सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलू विवाह, एकल नारी-जीवन एवं संन्यास-जीवन आदि विभित्र शीर्षकों के अंतर्गत समग्र दृष्टि से नारी-जीवन का विश्लेषण पायेंगे। इसमें रज: स्त्राव, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, अवसाद, पीठ-दर्द, वजन की समस्यओं से निबटने हेतु योगाभ्यास-कार्यक्रम सुझाया गया है। प्रारम्भिक, मध्यवर्ती एवं उच्च स्तरीय योगाभ्यासियों के लिए साधना का सामान्य मार्गदर्शन प्रदान किया गया है और रेखा-चित्र भी दिये गये हैं।
विषय-सूची |
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नारी और अध्यात्म |
3 |
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नारी शरीर |
9 |
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योग शरीर |
20 |
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मासिक चक्र |
32 |
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रजोदर्शन एवं रजोनिवृत्ति |
44 |
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स्त्रीत्व का विकास |
58 |
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आद्या शक्ति |
71 |
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विवाह |
80 |
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अन्य विकल्प |
90 |
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आत्म स्थित भगवती |
102 |
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कुछ विशेष प्रयुक्तियाँ |
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पीठ दर्द |
115 |
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विषाद |
124 |
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शिरोवेदना |
143 |
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श्वेत प्रदर |
151 |
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ऋतुस्राव सम्बन्धी अनियमिततायें |
159 |
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मोटापा (शारीरिक बोझ) |
166 |
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गर्भावस्था |
176 |
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भ्रंश |
199 |
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मूत्र प्रणाली के रोग |
203 |
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अपस्फीत शिरा |
211 |
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नारियों के लिए योग साधना |
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साधना के लिए मार्गदर्शन |
219 |
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प्रारम्भिक अभ्यासियों के लिए |
221 |
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मध्यम वर्ग की साधना |
232 |
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उच्च साधना |
245 |
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