प्रस्तुत ग्रंथ प्राचीन भारत में व्यापार-व्यवस्था : एक सर्वेक्षण (आदिकाल से 300 ई. तक) में कृषि पशुपालन और उद्योग में उत्पादकता के स्वरूप के आलोक में माप-तौल, यातायात, आयात-निर्यात और व्यापार के सामाजार्थिक प्रभाव आदि का कार्यकारण आधारित अध्ययन के साथ राज्य की मदद से मुनाफा एकत्र करने के सबसे प्रभावकारी साधन व्यापार से प्राप्त अधिशेष के अध्ययन का प्रयास है। समाज में प्रचलित सारी संस्थाओं और वैचारिक अवधारणाओं के सारे सुक्ष्म या स्थूल लाभ एक पद्धति या तंत्र के माध्यम से व्यापारियों तक कैसे खिसक जाते थे, ये उसी के विश्लेषण का यह एक प्रयत्न है।
डॉ. ऋतेश कुमार : मध्यमवर्गीय शिक्षक परिवार में जन्म 24, सितम्बर 1972, 2002 में पी.एच.डी., प्राचीन उत्तरभारत में आर्थिक व्यवस्था के अध्ययन एवं शोध में गहरी रुचि, वर्तमान में सक्रिय आर्थिक कारोबारी भी।
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