| Specifications |
| Publisher: Harper Collins Publishers | |
| Author Satyarth Nayak | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 457 | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 8.5x5.5 Inch | |
| Weight 400 gm | |
| Edition: 2024 | |
| ISBN: 9789356995604 | |
| HBR278 |
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क्या
आपको वह कहानी पता
है जिसमें वहमा और विष्णु
एक-दूसरे से होड़ लगाते
हैं या जिनमें शिव
और कृष्ण का युद्ध होता
है? जिसमें देवराज इंद्र, भ्रूणहत्या का प्रयास करते
है या फिर वह
कहानी जिसमें राम, एक शूट
को दंड देते हैं?
क्या आपको माया सीता
या नारद के वानर
मुख के बारे में
पता है? या फिर
यह कि सूर्य आकाश
से क्यों गिटा वा अथवा
चन्द्र ने व्यभिचार क्यों
किया?
हिंदू
धर्म के पुटाण, जान
का संसार हैं, जिनमें जवाबों
की तह मूलभूत खोज
समाहित है जिसके कारण
वे सदा प्रासंगिक बने
रहते हैं। अब, पहली
बाट, इन प्राचीन ग्रंथों
में से 100 महानतम् पौराणिक कथाओं को चुनकर, उन्हें
सचित्र महाकाव्यात्मक रूप में संकलित
किया गया है। देवताओं,
असुटों, ऋषियों और टाजाओं की
लोकप्रिय कथाओं के अतिरिक्त, सत्यार्थ
नायक ने अल्पजात कहानियों
को भी खोज निकाला
है, जैसे कि वह
कथा जिसमें विष्णु का सिर काट
दिया गया था या
जिसमें सरस्वती ने लक्ष्मी को
शाप दिया अथवा वह
कथा जिसमें हरिश्चंद्र ने वरुण के
साथ छल किया। नायक
ने इन 100 कहानियों को ऐसे अदवितीय
कालानुक्रमिक प्रारूप में कहने का
प्रयास किया है, जिसका
आरंभ सत्युग में सृष्टि के
सृजन से और अंत,
कलियुग के आगमन के
साथ होता है। पौटाणिक
प्रतीकों का उपयोग करते
हुए, सत्यार्थ ने ऐसी कथा
की रचना की है
जो सतत और चेतन
सक्रियता के साथ चार
युगों की यात्रा करती
है। इस तरह पढ़ने से पता
चलता है कि ये
कहानियाँ अलग-अलग घटनाएँ
नहीं, अपितु एक-दूसरे से
जुड़ी हुई है तथा
बृहत् फलक का निर्माण
करती है। हर घटना
का एक अतीत और
एक भविष्य है। कारण और
प्रभाव। कर्म तथा कर्म-फल का अंतर्संबद्ध
चक्र। देवताओं, राक्षसों और मनुष्यों के
मानस में समान रूप
से सहायक होंगी।
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