प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में डी.एन.ए. एक गुणसूत्र के रूप में कोशिका द्रव्य में पड़ा रहता है। किन्तु यूकैरियोटिक कोशिकाओं में डी.एन.ए. अणु प्रोटीन्स के साथ मिलकर गुणसूत्र बनाते हैं। इनकी संख्या दो या दो से अधिक होती है। ये केन्द्रक में स्थित होते हैं। क्योंकि गुणसूत्रों में आनुवंशिक पदार्थ होता है और गुणसूत्र कोशिका विभाजन द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतति कोशिकाओं में पहुँचते हैं, इसी कारण गुणसूत्रों को आनुवंशिक पदार्थ का वाहक कहा जाता है।
सभी जीवों में आनुवंशिक लक्षणों का नियंत्रण एवं संचरण आनुवंशिक इकाइयों द्वारा होता है। आनुवंशिकी के जनक ग्रेगर जान मेण्डल ने इन इकाइयों को कारक या फैक्टर कहा था तथा जोहनसेन ने इनके लिए जीन शब्द का प्रयोग किया।
यह पुस्तक 'आनुवंशिकी के विविध आयाम' विज्ञान तथा कृषि वर्ग से जुड़े पाठकों के लिए उपयोगी होगी। पुस्तक की भाषा-शैली सरल, प्रवाहमयी तथा वैज्ञानिक है।
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