| Specifications |
| Publisher: National Book Trust India | |
| Author WERNER BANDEL | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 80 (Color Illustrations) | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 9x8.5 inch | |
| Weight 300 gm | |
| Edition: 2023 | |
| ISBN: 9789357431712 | |
| HBP829 |
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1970 में महर्षि महेश योगी के द्वारा उनका पारलौकिक ध्यान (टीएम) से परिचय हुआ और उनकी रचनात्मक क्षमता का वास्तविक विकास इस सरल मानसिक तकनीक के नियमित अभ्यास से ही शुरू हुआ। उनका रुझान धीरे-धीरे फोटोग्राफी से पेंटिंग की तरफ हो गया। 'करके सीखना' हमेशा से उनका आदर्श वाक्य रहा है, और चित्रकला और चित्रण के क्षेत्र में वे एक स्व-शिक्षित कलाकार हैं।
भारत के समृद्ध वैदिक साहित्य से प्रेरित, 'आर्यनंद एंड द क्राउन ऑफ लाइफ' की परिकल्पना वर्नर की पहली भारत यात्रा पर वैदिक विज्ञान और आधुनिक विज्ञान पर एक सम्मेलन के लिए की गई थी, जो 1981 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था। लेखक द्वारा दृष्टांतों के लिए पांडुलिपि और रेखाचित्र इस सम्मेलन के दौरान बनाए गए थे। इसमें अंतिम रंग भारत में एक दूसरे व्यापक प्रवास के दौरान भरा गया।
उसके बाद से, वर्नर ने विश्वभर में बड़े पैमाने पर यात्राएँ कीं लेकिन ये अभी भी विभिन्न अवसरों जैसे कुंभ या योग और ध्यान साधना जैसे अवसरों के लिए भारत आते हैं। हाल ही में, तिब्बत में कैलाश पर्वत की लगातार तीन तीर्थयात्राओं ने उनकी आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा को अंतर्मन की गहराई तक प्रभावित किया है।
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वह अपने सभी रचनात्मक कार्यों के लिए अपनी अंतरतम चेतना की गहराई से प्रेरणा पाते हैं। यही वह स्थान है जहाँ इस पुस्तक के रहस्यों की जादुई कुंजी भी छिपी हुई है। यह पुस्तक अपने हर नए पाठक द्वारा अपने 'स्वयं' के नए सिरे से खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रही है।
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