इस नन्ही-सी पुस्तक में भक्ति, योग और ज्ञानमार्ग के पवित्र आत्माओं के लिए सहज में अन्तस्तल से स्फुरित महापुरुषों की वाणी निहित है जिसमें गीता, भागवत, रामायण आदि के प्रमाण सहित उन सत्पुरुषों के अनुभव छलकते हैं।
जितना गूढ़ विषय है उतना ही सरल भी है। चाहे भक्त हो चाहे योगी हो चाहे ज्ञानमार्गी हो, चाहे किसी भी धर्म, मत, पंथ, विचारों को माननेवाला हो, सबको इस ओजपूर्ण, अनुभव-संपन्न, 'आत्मयोग' करानेवाली दिव्य वाणी से लाभहोगा और उन पवित्र आत्माओं के द्वारा ये अनुभव-संपन्न वचन औरों तक भी पहुँचेंगे।
सत्पुरुषों के वचनों को लिपिबद्ध करने में अगर कोई त्रुटि रह गयी हो तो वाचक कृपा करके हमें सूचित करें, हम आभारी होंगे।
Hindu (हिंदू धर्म) (13447)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (715)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2074)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1544)
Yoga (योग) (1154)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24553)
History (इतिहास) (8927)
Philosophy (दर्शन) (3592)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist