लेखिका परिचय
मैक्रोबायोटिक्स के क्षेत्र में शोनाली भारत की एकमात्र व्यवसायिक सलाहकार शेफ़ और प्रशिक्षक हैं और यही उनका यू एस पी है। वह बॉलीवुड के चुनिन्दा खूबसूरत और फ़िट सितारों की सेलेब्रिटी सलाहकार और शेफ़ हैं। उनके ग्राहकों में हेमा मालिनी, नेहा धूपिया, ईशा देओल, आहाना देओल, जैकलीन फ़रनैडिज़, कैटरीना कैफ़, तब्बू, शेखर कपूर, कबीर बेदी और दलीप ताहिल जैसी हस्तियाँ शामिल हैं।
प्रस्तावना
जिस प्रकार एक सुडौल देह के लिये व्यायाम आवश्यक है, उसी प्रकार सम्पूर्ण सौन्दर्य के लिये भोजन महत्त्वपूर्ण है, जिसमें छरहरा बदन, दमकती त्वचा और स्वस्थ बाल शामिल हैं। जब आप ठीक से खाते हैं तो आप अपने शरीर को पोषित करते हैं और आपके रक्त प्रवाह और पाचन क्रिया को बढ़ावा मिलता है। इससे तुरंत ही एक समग्र शक्ति और सुस्पष्ट कांति का सृजन होता है। आज की ज़िन्दगी में केवल अच्छा दिखना ही महत्त्वपूर्ण नहीं है, बल्कि अपने बारे में आत्मविश्वास से परिपूर्ण होना भी उतना ही आवश्यक है। और ये सिर्फ स्वस्थ और सुन्दर महसूस करने से ही आता है। और कौन नहीं चाहता कि सुन्दरता उसके सद्गुणों में से एक हो, है ना? मैं भी खूबसूरत दिखना चाहती थी। और यहीं पर मेरे लिये चुनौती खड़ी थी।
भूमिका
ज़रा देवी काली की तस्वीर को देखिये। बिखरे बाल, क्रोध में जलती आँखें, शिव के ऊपर पैर रख कर खड़ी हुई, गले में नरमुंडों की माला और कमर में नर के कटे हुये हाथों की माला को वस्त्र के रूप में लपेटे हुये, पर क्या आपने कभी ध्यान से देखा है कि वह कैसे अपनी जीभ को दांतों तले काट रही हैं? मेरे मित्र रोहित आर्य ने, जो पुराण और आध्यात्म पर लिखते हैं, मुझे बताया कि जीभ काटना किस बात का प्रतीक है। जीभ हमारी लालसाओं का मुख्य प्रतीक है, क्योंकि यह स्वाद का केन्द्र है, जिसे केन्द्रीय लालसा माना जाता है। एक बार आप अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर लें- ना केवल भोजन के लिये, बल्कि सम्पूर्ण अर्थ में रस और स्वाद के लिये भी, तो समझ लीजिये आपने अपनी सभी लालसाओं को जीत लिया। काली का अपनी जीभ को काटना दुनिया की इच्छाओं पर नियंत्रण को मान्यता देना है। वस्तुतः उन्होंने स्वाद या रस की इच्छा को जीत लिया है जो योग में सबसे कठिन कार्य है। लेकिन दुःख की बात यह है कि हम इन्सान ऐसा नहीं करते; जहाँ भोजन की बात आती है, अधिकतर लोग जिनसे मैं मिलती हूँ, जीवन के हर रस का आनन्द प्राप्त करना चाहते हैं।
आभार
सबसे पहले मैं, मुझे मेरे असली मकसद की तरफ़ लाने के लिये, उस दिव्य का धन्यवाद करना चाहूँगी और मेरे ग्राहकों को जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरा साथ दिया। मेरी सम्पादक मिली- मुझे खुशी है कि हम एक दूसरे से मिले। मेरी किताब और मैक्रोबायोटिक्स को भारत में लाने के मेरे इस किताब से भी बड़े सपने को पूरा करने में मेरा साथ देने के लिये धन्यवाद। मेरे ग्राहक, जिनकी वजह से मेरा यहाँ होना सम्भव हो पाया। मेरी माँ को, मुझे खाना पकाने की प्रेरणा देने के लिये और मेरी सबसे बड़ी आलोचक होने के लिये।