प्रस्तावना
आनंद लीला- सखा योग मोक्ष वाणी पुस्तक योग और मोक्ष को प्राचीन भारत की स्वर्णिम विरासत को आकार देने वाली मूलभूत रूपरेखा के रूप में प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में, मैं यह बताना चाहता हूं कि योग और मोक्ष केवल दर्शन नहीं हैं, बल्कि वे ब्रह्मांडीय सिद्धांत और अस्तित्व के उद्देश्य हैं जो सृजन, स्थति और लय के चक्र को निरंतर गति देते हैं। इस पुस्तक के मूल में एक क्रांतिकारी सत्य निहित है: योग्य सम्बन्ध ही मुक्ति या मोक्ष का द्वार है। योग और मुक्ति का यह तालमेल सृष्टि के हर पहलू में स्पष्ट है शुक्राणु और अंडाणु का मिलन, शरीर द्वारा पोषण के लिए भोजन का आत्मसात्करण, बुद्धि द्वारा ज्ञान का समावेश, मानव सहयोग और अंततः, अद्वैत सत्ता के साथ जुड़ाव या एकत्व प्राप्त करना। गहरे सम्मान के साथ, मैं उन प्राचीन योगियों और ऋषियों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें अद्वैत, योग और मोक्ष के गहन विज्ञान और जीवन के क्रांतिकारी दर्शन कि जीवन एक आनंद लीला हैं, का उपहार दिया। ऐसा सर्वोच्च आध्यात्मिक ज्ञान हमारे चित्त को रूपांतरित करता है और हमें भौतिकवादी जीवन से परे एक भव्य दिव्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है, जो अस्तित्व में निहित आनंद और पूर्णता का उत्सव है।
लेखक परिचय
योगी सखा, एक होलिस्टिक और इंटेग्रल लाइफस्टाइल कोच हैं, जो इस विचार के समर्थक हैं कि अनंत और आध्यात्मिकता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। उनके अनुसार, हमारा संकुचित मन हमें अपने असीमित आस्तित्व और क्षमता के प्रति जागरूक नहीं होने देता। अपने फाउंडेशन, फनटास्टिक लाइफ के माध्यम से, योगी सखा आध्यात्म और वैज्ञानिक सिद्धांतों की परिवर्तनकारी शक्ति को साझा करके मानवता की असीमित क्षमता को मुक्त करने के मिशन पर है।
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