पुस्तक के विषय में
भारतीय संस्कृति के उपासक पं. दीनदयाल उपाध्याय का आधुनिक भारत के निर्माताओं में अन्यतम स्थान है। पश्चिम की विकृति के प्रति वह सजग व सावधान थे और जीवन-पर्यन्त उसके आलोचक बने रहे। उन्होंने सोए समाज को जगाने का काम किया और इस संबंध में हर जन- आदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
पं. दीनदयाल उपाध्याय एक कर्मठ नेता थे। वह राष्ट्रीय स्वयं-सेवक संघ के आजीवन प्रचारक रहे। संघ के माध्यम से ही उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया, भारतीय जनसंघ के महामंत्री बने, अध्यक्ष रहे तथा एक सम्पूर्ण राजनीतिक विचार के प्रणेता बने। इसके अलावा उपाध्याय जी एक जागरूक लेखक और निर्भीक पत्रकार भी थे। पुस्तक के लेखक डा० महेश चंद्र शर्मा पूर्व सांसद, जाने-माने लेखक, पत्रकार और समाजसेवी हैं ।
विषय-सूची |
||
1 |
कष्टमय बचपन और मेधावी छात्र जीवन |
1 |
2 |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध |
10 |
3 |
लेखक एवं पत्रकार |
15 |
4 |
राजनीति में संस्कृति के राजदूत |
28 |
5 |
राष्ट्रीय अखंडता की राजनीति |
39 |
6 |
लोकतंत्र के पुरोधा |
65 |
7 |
आर्थिक चिंतन |
77 |
8 |
एकात्म मानववाद के द्रष्टा |
115 |
9 |
भारतीय जनसंघ के महामंत्री एवं अध्यक्ष |
134 |
10 |
महाप्रयाण |
158 |
पुस्तक के विषय में
भारतीय संस्कृति के उपासक पं. दीनदयाल उपाध्याय का आधुनिक भारत के निर्माताओं में अन्यतम स्थान है। पश्चिम की विकृति के प्रति वह सजग व सावधान थे और जीवन-पर्यन्त उसके आलोचक बने रहे। उन्होंने सोए समाज को जगाने का काम किया और इस संबंध में हर जन- आदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
पं. दीनदयाल उपाध्याय एक कर्मठ नेता थे। वह राष्ट्रीय स्वयं-सेवक संघ के आजीवन प्रचारक रहे। संघ के माध्यम से ही उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया, भारतीय जनसंघ के महामंत्री बने, अध्यक्ष रहे तथा एक सम्पूर्ण राजनीतिक विचार के प्रणेता बने। इसके अलावा उपाध्याय जी एक जागरूक लेखक और निर्भीक पत्रकार भी थे। पुस्तक के लेखक डा० महेश चंद्र शर्मा पूर्व सांसद, जाने-माने लेखक, पत्रकार और समाजसेवी हैं ।
विषय-सूची |
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1 |
कष्टमय बचपन और मेधावी छात्र जीवन |
1 |
2 |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध |
10 |
3 |
लेखक एवं पत्रकार |
15 |
4 |
राजनीति में संस्कृति के राजदूत |
28 |
5 |
राष्ट्रीय अखंडता की राजनीति |
39 |
6 |
लोकतंत्र के पुरोधा |
65 |
7 |
आर्थिक चिंतन |
77 |
8 |
एकात्म मानववाद के द्रष्टा |
115 |
9 |
भारतीय जनसंघ के महामंत्री एवं अध्यक्ष |
134 |
10 |
महाप्रयाण |
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