भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में देश के सभी वर्गों और भौगोलिक क्षेत्रों का अतुलनीय योगदान रहा है। यह भारतीय समाज का समग्र आंदोलन ही था, जिसके कारण विवश होकर अंग्रेजों को यहां से जाना पड़ा। स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न पक्षों पर भारतीय विश्वविधालयों और अन्य संस्थानों में भी गंभीर शोधकार्य होता रहा है, और अभी भी हो रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े काफी दस्तावेज अभी भी हमारी पहुँच से दूर हैं। ज्यों-ज्यों इस प्रकार के दस्तावेज हमें प्राप्त होते जायेंगे, त्यों-त्यों स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न अनछुए अना पक्षों पर और भी प्रकाश पड़ेगा।
डाक्टर जैन ने समाज का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान विषय पर शोधकार्य करने के लिये मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश को आधार बनाया है लेकिन मोटे तौर पर यह राष्ट्रीय स्तर का ही मूल्यांकन कहा जायेगा। इस शोधकार्य में असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जैन समाज ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सक्रिय होकर किस प्रकार अंग्रेजों का विरोध किया तथा देश को स्वतंत्र कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई इसका विवरण मिलता है। प्रस्तुत ग्रंथ में लेखक ने परिश्रमर्पूवक महत्वपूर्ण सामग्री का संकलन करके स्वतंत्रता आंदोलन में एक नया अध्याय जोड़ा है, जिससे जहां जैन समाज को अपने गौरवमय इतिहास की जानकारी प्राप्त होगी वहीं शोध शास्त्री भी जैन समाज की स्वतंत्रता आंदोलन में समग्र भूमिका के सभी आयाम जन साधारण के सामने ला सकेंगे। मुझे इस बात की भी हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि इंस ग्रंथ के प्रकाशन का दायित्व भारतीय ज्ञानपीठ ने उठाया है।
Hindu (हिंदू धर्म) (13443)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (714)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2075)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1543)
Yoga (योग) (1157)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24544)
History (इतिहास) (8922)
Philosophy (दर्शन) (3591)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist