आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान हमारा अति प्राचीन ज्ञान है। इस ज्ञान की आवश्यकता तब हुई, जब सभ्य लोग अपना जीवन गुफाओं में, पर्वतों में, वनों में कन्दमूल खाकर गुजार रहे थे। तब चरक, सुश्रुत जैसे ज्ञानी पुरुषों ने उन औषधियों के बारे में लिखा, जो स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में समर्थ थीं। आयुर्वेदिक औषधियों की अपेक्षा अधिक उपयोगी औषधियाँ किसी भी चिकित्सा प्रणाली में नहीं हैं। वास्तव में रोगों को निर्मूल करने वाली, जीवन शक्ति को बढ़ाने वाली, निरापद एवं सहज सुलभ औषधियाँ एक मात्र आयुर्वेद भण्डार में ही पर्याप्त मौजूद हैं। यदि हम अपने ही घर में एक बार जाकर रसोई घर का निरीक्षण करें तो पाएंगे कि पूरा आयुर्वेद वहां भरा पड़ा है क्योंकि जो कुछ रोजमर्रा में काम आने वाले मसाले हैं, यदि हम उन्हें देखें तो पाएंगे कि वे समावस्था में औषधियाँ और विषमावस्था में प्रयोग करते हैं तो रोगों को उत्पन्न करने वाले कारण भी हैं। इसलिए ही मैंने यह पुस्तक लिखने का प्रयास किया है कि जो कुछ द्रव्य हम घर में प्रयोग करते हैं, उन्हें औषधि के रूप में कैसे प्रयोग कर सकते हैं और बात-बात में हमें चिकित्सकों को न तो बुलाना पड़े और न ही उनके यहां जाना पड़े। उनके असहनीय व्यय भार से बचने के लिए यह पुस्तक परम आवश्यक सिद्ध होगी।
इस पुस्तक में प्रायः सभी रोगों को दूर करने के बहुत से नुस्खे और टोटके भी दिए गए हैं। एक ही औषधि अलग-अलग प्रयोगों से कई रोगों में उपयोग की गई है।
ये सभी आयर्वेद सम्मत एवं स्वानुभूत हैं।
यह पुस्तक आपको स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध होगी।
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