नारी सदा से पुरुष के विस्मय और आकर्षण का केन्द्र रही है। नारी के प्रति पुरुष का यह सहज आकर्षण काव्य-चेतना का एक सुन्दर भावात्मक सत्य है। अंग्रेज़ी में एक कहावत है : Behind every great man there is a woman. यह उक्ति महान काव्य के सर्जन के सम्बन्ध में जितनी सत्य चरितार्थ होती है, उतनी अन्य कहीं नहीं। विश्व-साहित्य नारी-सौंदर्य के स्तुति-गान से ओत-प्रोत है।
आधुनिक युग मेंशृंगार रस (नारी-सौंदर्य) को एक विशिष्ट दृष्टिकोण से परखने का प्रयत्न प्रत्येक कवि ने अलग-अलग किया है, फलतः नारी-सौंदर्य के प्रति कवि-दृष्टि में अनेक भिन्नताएं आ गई हैं। व्यक्ति की विशिष्टता ने उसकी सौन्दर्य-भावना और नारी के प्रति उसके प्रेम-भाव को एक विशिष्ट रूप दिया है। प्रस्तुत संकलन में आधुनिक युग के सभी प्रतिनिधि कवियों की श्रृंगार-परक रचनाओं को संगृहीत किया गया है जिससे कि पाठक आधुनिक युग के नारी, प्रेम और श्रृंगार-विषयक सभी दृष्टिकोणों से परिचित हो सकें। यदि यह संकलन आंशिक रूप से भी इस उद्देश्य की पूर्ति कर सका, तो मैं अपना प्रयास सफल मानूंगा।
जिन-जिन कवि-बन्धुओं ने अपने स्नेह-सहयोग द्वारा इस संकलन को पूरा करने में मेरी सहायता की है उनके प्रति मैं हृदय से आभारी हूं। कुछ कवियों की रचनाएं इस संग्रह में नहीं आ सकी हैं, इसका मुझे दुःख है।
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