| Specifications |
| Publisher: Gita Press, Gorakhpur | |
| Author Hanuman Prasad Poddar | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 96 | |
| Cover: Paperback | |
| 8.0 inch X 5.5 inch | |
| Weight 80 gm | |
| Edition: 2013 | |
| ISBN: 9788129302182 | |
| GPA158 |
| Delivery and Return Policies |
| Ships in 1-3 days | |
| Returns and Exchanges accepted within 7 days | |
| Free Delivery |
निवेदन
मनुष्य नित्य शिक्षार्थी है और उसे सदा सर्वदा सावधान रहकर जहाँ तहाँसे शिक्षा ग्रहण करते रहना चाहिये । यह शिक्षा बड़ोंके जीवनसे विशेषरूपसे मिलती है और बड़े वही हैं जिनके जीवनमें दूसरोंको ऊँचा उठानेयोग्य आदर्श बातें हों । ऐसे ही बड़े पुरुषोंके जीवन परिचयके साथ उनके जीवनके कुछ महत्त्वपूर्ण प्रसंग इस पुस्तकमें संकलित किये गये हैं । हमारे विद्वान् लेखकने यह बहुत ही सुन्दर संकलन थोड़े से शब्दोंमें कर दिया है । आशा है, हमारे बालक और तरुण इससे विशेष लाभ उठावेंगे ।
|
विषय सूची |
||
|
1 |
सत्यवादी महाराज हरिश्चन्द्र |
5 |
|
2 |
महाराज रघुका दान |
8 |
|
3 |
महाराज दिलीपकी गोभक्ति और गुरुभक्ति |
11 |
|
4 |
शरणागत रक्षक महाराज शिबि |
15 |
|
5 |
अतिथि सेवी महाराज रन्तिदेव |
18 |
|
6 |
अतिथि सत्कार |
21 |
|
7 |
महर्षि दधीचि |
24 |
|
8 |
एक दयालु नरेश |
27 |
|
9 |
लिखित मुनिकी सचाई |
30 |
|
10 |
कर्णकी उदारता |
33 |
|
11 |
किसीका दोष न देखना |
36 |
|
12 |
राजकुमार कुणालका संयम और क्षमा |
38 |
|
13 |
संयमरायका अपूर्व त्याग |
42 |
|
14 |
राजा हमीरकी शरणागत रक्षा |
45 |
|
15 |
रघुपतिसिंहकी सचाई |
48 |
|
16 |
राजकुमारकी दयालुता और सावधानी |
51 |
|
17 |
पन्ना धायका त्याग |
53 |
|
18 |
भामाशाहका त्याग |
56 |
|
19 |
वीर सरदार |
59 |
|
20 |
छत्रपति महाराज शिवाजीकी उदारता |
62 |
|
21 |
देशभक्त |
65 |
|
22 |
माहाता शैसाकी ईमानदारी |
68 |
|
23 |
दो आदर्श मित्र |
71 |
|
24 |
वचनका पालन |
74 |
|
25 |
फिलिप सिडनीकी उदारता |
77 |
|
26 |
राजा मणीन्द्रचन्द्रकी उदारता |
79 |
|
27 |
अपना काम आप करनेमें लाज कैसी? |
81 |
|
28 |
सर गुरुदासकी मातृ भक्ति |
83 |
|
29 |
ईमानदार व्यापारी |
85 |
|
30 |
अद्भुत क्षमा |
88 |
|
31 |
जापानी सैनिकोंकी देशभक्ति |
91 |







Send as free online greeting card
Visual Search