| Specifications |
| Publisher: HANS PRAKASHAN, DELHI | |
| Author Prerna Agrawal | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 152 | |
| Cover: HARDCOVER | |
| 9x6 inch | |
| Weight 310 gm | |
| Edition: 2023 | |
| ISBN: 9788196577827 | |
| HAF475 |
| Delivery and Return Policies |
| Usually ships in 3 days | |
| Returns and Exchanges accepted within 7 days | |
| Free Delivery |
प्रेरणा अग्रवाल
फिल्म, सीरियल एवं रंगमंच जगत में सुश्री प्रेरणा अग्रवाल का एक विशिष्ट स्थान है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली से स्नातकोत्तर - अभिनय में विशेषज्ञता। लखनऊ में जन्मी एवं लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक । शास्त्रीय गायन में चार वर्ष और कत्थक नृत्य में तीन वर्ष का प्रशिक्षण। फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया, पुणे से फिल्म एप्रिसिएशन कोर्स । वर्तमान में तीन दशकों से मुम्बई में सक्रिय।
आयोजक एवं फिल्म फेस्टिवल डायरेक्टर काशी इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवाईस, "कीफा"।
फिल्म लेखन एवं निर्माण - फीचर फिल्म "बावली" "बेस्ट चिल्ड्रेन फीचर फिल्म ऑफ द इयर" अवार्ड और कई फिल्मोत्सवों में अनेक अवार्डों से सम्मानित। आजकल एम-एक्स प्लेयर पर स्ट्रीमिंग।
लघु फिल्में लेखन एवं निर्माण मेरा बेटा, मैडम, द एंड ऑफ एन इंटरव्यू, स्पिट, हैंग ओवर।
सीरियल लेखन एवं निर्माण सपना, तुम्हारे इंतजार में मुन्नी।
सीरियल लेखन - पहचान, मेरा हमसफर, कशमकश ज़िन्दगी की, दाग़, काला सिन्दूर।
वेब सीरीज लेखन जिंदगीनामा।
व्यावसायिक नाटकों का लेखन एवं निर्माण शरारत, प्यार हुआ चोरी-चोरी, प्यार में कभी-कभी, मुझसे शादी करोगी, चुपके-चुपके, चांदनी चाँद और चकोरी, दिल है आशिकाना।
आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर "मातंगिनी हाजरा" नाटक का लेखन, निर्माण एवं मंचन तथा उसमें मातगिनी की मुख्य भूमिका का निर्वाह।
उपन्यास, कहानियों एवं कविताओं का नाट्य रूपान्तर एक रात, मीठी ईद, मंटो की मोजेल, मंटो की सुगंधी, जिप्सीज एवं स्टोन गेस्ट (पुश्किन की लम्बी कवितायें)।
विदेशी नाटकों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद द ग्लास मैनेजरी, द फर्स्ट एण्
मेरा कहानी संग्रह "माँ" सच्चाई की तपिश लिए हुए, रूहानी रिश्तों की कहानियों का संग्रह है। ये समय की सीमा से परे हैं। कभी एक कहानी लिखी तो उस पूरे वर्ष कोई और कहानी नहीं लिखी बल्कि नाटक, फीचर फिल्म, सीरियल, वेब सीरीज़ लिखने में व्यस्त रही या फिर कभी एक कहानी लिखी तो उसके साथ-साथ ही दूसरी कहानी भी लिख डाली। हर कहानी का विषय एक-दूसरे से बिलकुल अलग है। कारण, ये सभी कहानियाँ मेरे आसपास से होकर गुज़री हैं, जिन्हें मैंने महसूस किया है, देखा है, समझा है, फिर जाकर शब्दों में उतारा है। मैंने कहीं कोई छोटी सी बात पेपर में पढ़ी, न्यूज़ में सुनी या कहीं कोई छोटी सी घटना देखी, उसे मैंने अपनी कल्पना से विस्तार देकर, नए आयामों के साथ, एक संपूर्ण कहानी का रूप दिया है। ये सभी मेरे जीवन के समृद्ध अनुभवों से उपजी कहानियाँ हैं जिन्होंने यथार्थ और कल्पना के सामंजस्य को सटीक तरह से बिठाते हुए मूर्त रूप ले लिया है। मैंने अपने संसार को हमेशा विस्तृत रखा। इंसान के मनो-विज्ञान को अपनी तरह से परिभाषित करने की कोशिश की। इन सभी कहानियों के सभी चरित्र ऊर्जा से भरे हुए संवेदनशील चरित्र हैं। मैंने उनके अंतर्मन में झांककर, उनके मन में उठने वाली उथल-पुथल को, अपने मन में गहरे उतारकर, उनकी परिस्थिति में खुद को डालकर, उनके मौन को परिभाषित करके, फिर उसे अपनी कहानी में उतारा है। इस प्रक्रिया में उन पात्रों का जीवन मैंने स्वयं जिया और न जाने कितनी बार इन कहानियों ने मुझे रुलाया और साथ ही मन को गुदगुदाया भी।
Send as free online greeting card
Visual Search