गुजराती महिला कहानीकारों में सुश्री गिरिमा घारेखान अपनी विशिष्ट शैली के कारण अग्रिम पंक्ति में स्थान सुनिश्चित कर चुकी है। उनकी कहानियाँ यत्रतत्र अनेक साहित्यिक पत्रिकाओं की शोभा बढ़ाती रही है ।
'नंगे पैर' उनके यशोदायी कहानी संग्रह का हिंदी अनुवाद है जो रजनीकान्त शाह एवं राजेन्द्र निगम जैसे मान्य अनुवादकों द्वारा सम्पन्न हुआ है ।
मैं लेखिका एवं अनुवादकों का धन्यवाद करते हुए आशा करता हूँ कि हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित यह कहानी संग्रह हिंदी पाठकों तक गुजराती कहानी की सुगंध पहुँचाने में सफल होगा ।
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