| Specifications |
| Publisher: Lokhit Prakashan, Delhi | |
| Author Shahana Begum | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 288 | |
| Cover: HARDCOVER | |
| 9.0x6.0 Inch | |
| Weight 490 gm | |
| Edition: 2017 | |
| ISBN: 9789381531518 | |
| HBX937 |
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कुएं का मेंडक बाढ़ में बड़ी दुनिया के आगे" विचारा मेंढक इस चिर परिचित सक्य से शायद ही कोई होगा जो वचित्त होगा। लेकिन यही वाक्य किसी के जीवन में पट जाए तो...? किससे किससे और कहीं-कहीं और कैसे-कैसे यह वाक्य टकराया होगा... कह नहीं सकती पर मेरे साथ...? शहर से दूर गाँव में पैदा हुई, मों की हिदायत से पिताजी ने शहर से दूर गाँव में व्याह दिया.. पर कर्मभूमि... मेट्रो सिटी... ना केवल मेट्रो सिटी बल्कि ऐसे-ऐसे आइलैंड जिन्हें सिर्फ किताबों में ही पढ़ा था। मतलब 'कुएं के मेंढक को बड़ी दुनिया' तिस पर से लिखने का शौक और... इसी कारण बत्तीत साल से यह समुंदर दहाड़-दहाड़ कर मुझे ललकार रहा था .....है हिम्मत तो उठाओ कलम और थोड़ी देर मेरे साथ...चार कदम.... केवल किनारे पर ही सही... में इसे अनसुना करती रही पर इसने मेरा पीछा नहीं छोड़ा और एक दिन..... आदमी एक साथ भला इतना बेइमान कैसे हो सकता है...? मेरे इतने किनारों को तुम्हारे पैरों ने रौंदा है और तुम हो कि दो शब्द... समुंदर ने नाराज होकर काली-काली आँखों से मुझे तरेरा। मुझे पता चल गया अब यह गाली-गलौज पर उतर आया। अब मैं इससे अपना पीछा नहीं छुड़ा सकती। इसीलिए मैंने अपनी कलम के आगे समुंदर दिया। "समवा लो अपने पेट में सार का संपूर्ण सम्मोहन और उतार दो मेरे कार्यज पर वह सब कुछ जो आज तक समुंदर के गथ में छिपा था।"
डॉ इंदु पांडेय संक्षिप्त परिचय जन्म 22 जनवरी, 1063 भावण मारा कृष्ण पक्ष, गाजीपुर जिला, ग्रामवेटावर कला (उ.प्र.) शिक्षा: आरम्भिक शिक्षा अपने गाँव में ही संपन्न हुई। उच्च शिक्षा मुंबई एवं पुणे (महाराष्ट्र) से प्राप्त। परिवार पिता का नाम श्रीरामजी तिवारी जो संस्कृत के आचार्य थे। माता का नाम श्रीमती शांती देवी था। इनके बाबा का नाम भीष्म तिवारी एवं दादी का नाम राजमती था। विवाह सत्रह साल की उम्र में 8 दिसम्बर 1980 को चनारस जिले के श्री जयराम पांडेय के पुत्र श्री श्रीकृष्ण पांडेय जी के साथ हुआ। श्री श्रीकृष्ण पांडेय जी भारतीय नौसेना विभाग में कार्यरत हैं। कृतित्व : प्रकाशित रचनाएं 1. महाकवि कालिदास एवं सूरदास के काव्य में प्रेम तत्व की अभिव्यक्ति 2. संन्यासी का अपहरण, 3. हिंदुस्तान की गली में लंदन, 4. मोम के मर्द, 5. अर्थ पिशाच, 6. आजाद भारत में कैद हूँ। एकांकी: 1. एकलव्य की व्यथा, 2. स्वर्ग से तबादला। कहानी : उपन्यास का आदमी, काव्य जज साहब । पुरस्कार : 1. 'क्या पुत्री वरदान है?या अभिशाप' वाद-विवाद (प्रथम पुरस्कार), 2. एस.एन. डी.टी. महिला विद्यापीठ पुणे सन् 2005 का श्रेष्ठ शोध ग्रंथ पुरस्कार, 3. महाराष्ट्र जिला परिषद् द्वारा आयोजित नाट्यस्पर्धा में-नाटक 'स्वर्ग से तबादला' को डायरेक्शन स्क्रिप्ट लेखन (प्रथम पुरस्कार), 4. करंडक उपाधि हेतु नामांकित। (स्वर्ग से तबादला), संपर्क: जयहिंद महाविद्यालय (हिंदी विभागाध्यक्ष), पुणे
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