Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.

नटनी- Natani (Novel)

$18.23
$27
10% + 25% off
Includes any tariffs and taxes
Specifications
Publisher: SETU PRAKASHAN PVT LTD, NOIDA
Author Ratna Kumar Sambhariya
Language: Hindi
Pages: 251
Cover: PAPERBACK
8.5x5.5 inch
Weight 200 gm
Edition: 2025
ISBN: 9789362018052
HBP026
Delivery and Return Policies
Usually ships in 7 days
Returns and Exchanges accepted within 7 days
Free Delivery
Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.
Book Description
पुस्तक परिचय
'नटनी' उपन्यास हाशिये के समाज को मुख्य पृष्ठ पर लाने की जिद्दोजहद है। यह वह समाज है, जो सदियों से शोषण, गुलामी, तिरस्कार और अत्याचार का शिकार होकर खुले आसमान तले और धरती के किसी कोने पर खानाबदोशी जीवन जीने को मजबूर है। जनकथाकार रत्नकुमार सांभरिया अपने इस उपन्यास के माध्यम से ऐसी ही दुनिया से रूबरू करवाते हैं। खानाबदोश नट जाति की रज्जो उर्फ रीतासिंह के जुझारू चरित्र को गढ़कर सामन्तवाद को खुली चुनौती देते हैं तथा जात्याभिमानी गढ़ को ध्वस्त करने में पूरी लेखकीय कला दिखाते हैं। पंचायतीराज चुनाव के बहाने दलित व दमित जातियों की नेतृत्व क्षमता को उजागर करते हुए स्पष्ट किया है कि यदि उन्हें संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत उचित अवसर दिया जाए तो वे 'अन्धेर नगरी, चौपट राजा' वाली कहावत को नेस्तनाबूद कर सकते हैं। उनमें न केवल ईमानदारी है, अपितु कुछ कर गुजरने का अद्भुत जज्चा भी है। उपन्यास की नायिका रज्जो इसका जीवन्त उदाहरण है। वह आत्मबल और हौसले से इतनी लबरेज है कि वर्षों से गाँव पर राज करने वाली' हवेली' को अकेले ही चुनौती देती है। उसका पति शमशेर सिंह, जो हवेली का ही बेटा और वारिस है, रज्जो की कला का नहीं, काया का कायल हो उससे विवाह करके उसे पढ़ाता है। रस्सी पर चलकर करतब दिखाने वाली वही रज्जो पढ़-लिखकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के ध्येय वाक्य 'शिक्षा शेरनी का दूध होती है' को चरितार्थ करती है और हवेली की ओर से मोर्चा खोल देती है। गाँव के सरपंच का चुनाव जीत सामन्तवादी व जातीय अहंकार का मर्दन कर देती है। उपन्यासकार ने देश की स्वाधीनता के पश्चात उभरे पंचायतीराज व उसमें पनपे भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है। पंचायतीराज में आरक्षण के तहत पिछड़े व दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है,लेकिन कैसे दबंग लोग उनको आगे नहीं आने देते इसका भी पर्दाफाश है। उपन्यास नायिका प्रधान है। अतः स्त्री पात्रों को तवज्जो दी गयी है। रज्जो के सरपंची के चुनाव में उसकी प्रतिद्वन्द्वी लाजोदेवी का चरित्र जहाँ जुझारू स्त्री का परिचायक है, वहीं फूलकुमारी निडर होकर शिक्षा की सार्थकता सिद्ध करती है। हवेली की शीतलदेवी स्त्री सशक्तीकरण का संजीदा चरित्र है, जो स्त्री की गरिमा की रक्षार्थ अपनों से भी दो-दो हाथ करने को तत्पर है। सामन्ती परिवेश में रहकर भी वह उदारमना है। खल चरित्र जिगरसिंह सामन्तवाद व जात्याभिमान का जीता-जागता नमूना है। उसके वर्चस्व को धराशायी करना ही लेखक का वास्तविक ध्येय है ताकि वंचित वर्गों तक लोकतन्त्र का वास्तविक सन्देश जाए 'हम भारत के लोग' की अवधारणा सार्थक रूप हो सके। सन्दीप बावा भ्रष्टाचार का पुंज है, जो हवेली की कठपुतली है। लेखक ने प्रचलित लोकोक्तियों व मुहावरों के साथ मुहावरे गढ़े भी हैं, जिनसे कथावस्तु जीवन्त बन गयी है। उपन्यास की भाषा पात्रानुकूल है, जिसमें तद्भव के साथ तत्सम का समन्वय देखते ही बनता है। स्थानीय रंग व प्रकृति के नाना आयामों में कथा की बुनावट करना लेखक के सूजन की मौलिकता को दृष्टिगत करता है। बतकही शैली अन्य विशेषता है। उपन्यास में स्थान-स्थान पर प्रतीकों की सृष्टि की गयी है, जो कथावस्तु को दृढ़ता प्रदान करने के लिए उपयुक्त है। लेखक के पूर्व प्रकाशित उपन्यास 'साँप' की तरह' नटनी' भी उनकी कलम की सुदृढ़ 'रज्जो' सिद्ध होगा, जिस पर चलना हुनरमन्द के ही बस की बात है, बशर्ते इनके साथ कोई दगा न हो।

लेखक परिचय
जन्म : 6 जनवरी 1956, गाँव भाड़ावास, जिला-रेवाड़ी (हरियाणा)।

पिछले 40 वर्षों से राजस्थान में।

शिक्षा: एम.ए., बी.एड, बी.जे.एम.सी.।

रत्नकुमार सांभरिया

कृतियाँ : हुकम की दुग्गी, काल तथा अन्य कहानियाँ, खेत तथा अन्य कहानियाँ, दलित समाज की कहानियाँ, एयरगन का घोड़ा (कहानी-संग्रह); समाज की नाक (एकांकी-संग्रह); वीमा, उजास, भभूल्या (नाटक); बांग और अन्य लघुकथाएँ, प्रतिनिधि लघुकथा शतक (लघुकथा-संग्रह); मुंशी प्रेमचन्द और दलित समाज (आलोचना); साँप (उपन्यास); डॉ. अम्बेडकर : एक प्रेरक जीवन (सम्पादन)। देश की अधिकांश स्थापित पत्रिकाओं में कहानियाँ, लघुकथाएँ और समीक्षाएँ प्रकाशित। 'मैं जीती' कहानी पर टेलीफिल्म।

अनुवाद : रचनाओं का अँग्रेजी, मराठी, पंजाबी, सिन्धी, गुजराती, ओड़िया सहित अन्य भाषाओं में अनुवाद। Thunderstorm Dalit Stories', U.K. London and Company Hachette India के द्वारा प्रकाशित तथा जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल 2016 में विमोचन एवं चर्चा। विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में कहानियाँ, लघुकथाएँ एवं नाटक सम्मिलित।

सम्मान : नवज्योति कथा सम्मान। सहारा समय कथा चयन प्रतियोगिता, 2005 में पुरस्कृत, 'चपड़ासन' कहानी के लिए उपराष्ट्रपति द्वारा सम्मानित। कथादेश अखिल भारतीय हिन्दी कहानी प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार-2007 'बिपर सूदर एक कीने' कहानी पर। राजस्थान पत्रिका सृजनात्मक पुरस्कार-2007 'खेत' कहानी पर। वर्ष 2014 का हरियाणा गौरव सम्मान। 2017 में मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा का सुब्रह्मण्य भारती साहित्य पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी का सर्वोच्च मीरां पुरस्कार ।

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question
By continuing, I agree to the Terms of Use and Privacy Policy
Book Categories