कुछ ऐसे महापुरुष होते हैं जिनके पास बैठने से, जिनके दर्शनमात्र से अलख के आनन्द की झलकें मिल जाती हैं, जिनके हाव-भाव, चाल-ढाल, वाणी की मधुरता तथा जिनके चारों ओर हवा में बिखरी हुई मस्ती से उस परमानन्द-स्वरूप, निरंजन, अलख पुरुष की खबरें मिल जाती हैं और यदि उनकी विशेष कृपा हो जाय तो संसार में उलझा हुआ मनुष्य अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर चल पड़ता है।
ऐसे ही एक महापुरुष की वाणी का यह एक छोटा-सा संचय है। इसका एक-एक शब्द ओज की चिनगारी है जो बुझते हुए हृदयों को फिर से प्रकाशित करने का अनंत तेज अपने में छुपाये हुए है। जिन्होंने परम पूज्य संत श्री आसारामजी महाराज को प्रत्यक्ष देखा है वे तो लाभ उठा ही रहे हैं, जो अभी दूर हैं उनके लिए यह वाणीरूप प्रसाद अमृत का काम करेगा। उपनिषद्रूपी आध्यात्मिक खजाने का अमृत इसके एक-एक शब्द से टपकता है, इसका आप प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे - इसी विश्वास के साथ आपश्री के पावन करकमलों में..
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