पुस्तक परिचय
पंडित दीनदयाल उपाध्याय दीनदयाल जी एक महान पुरुष थे। उनका व्यक्तित्व आनेवाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने जीवन भर जनसाधारण से सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनैतिक क्षेत्रों में सम्पर्क बनाये रखा। उनकी सादगी, निष्ठा और कर्मठता ने जनता के बीच ऐसी छवि छोड़ी जिसको सदैव याद किया जाता रहेगा। युवा पीढ़ी के प्रेरणा स्रोत और हम सभी की यादों में सदैव रहनेवाले पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जीवन
लेखक परिचय
संजय दुबे: जन्म। सितम्बर 1980 को मध्यप्रदेश टीकमगढ़ में हुआ। एम.ए.पी.हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर से। का सरकार के पांडुलिपि मिशन के सागर केन्द्र के अन्तर्गत पाँच वर्ष कार्य किया। जिसमें कई लिपियों का ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् पांडुलिपियों का सम्पादन कार्य किया। बच्चों के लिए जैन बाल कथाएं भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित्त, देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कई शोध लेख प्रकाशित हो चुके हैं और आधुनिक संस्कृत साहित्य की कई पुस्तकों की हिन्दी एवं संस्कृत में समीक्षाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
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