प्रस्तुत पुस्तक में मुर्गीपालन हेतु सभी आवश्यक विषयों जैसे मुर्गी शरीर की संरचना, अण्डों का सेना व चूजे निकालना, कुक्कुट प्रजनन की आधुनिक पद्धतियां, नस्ल सुधार हेतु वरण, मुर्गियों के लिये आवास व्यवस्था, फार्म पर आये चूजों का प्रबन्धन, ब्रायलर व लेयर मुर्गियों का प्रबन्धन, मुर्गी आहार निर्माण विधि, मुर्गियों की बीमारियाँ - इलाज व रोकथाम जैसे विषयों को लिया गया है।
मुर्गी रोगों से बचाव में टीकाकरण का बहुत अधिक महत्त्व है, इसलिये विभिन्न कम्पनियों द्वारा निर्मित टीकों का वर्णन विस्तृत रूप से किया गया है। मुर्गीपालन में सबसे अधिक आवर्ती व्यय मुर्गी आहार पर होता है, इसलिये विभिन्न प्रकार के मुर्गी आहारों को तैयार करने की विधियों को दिया गया है। मुर्गी रोगों के उपचार हेतु उत्पादों का विवरण दिया गया है, जिससे मनचाहे उत्पाद का चुनाव किया जा सके। मुर्गी आहार को ज्यादा उपयोगी बनाने हेतु मुर्गी आहार में मिलाये जाने वाले उत्पादों को भी पुस्तक में दिया गया है।
मुर्गी रोगों से बचाव हेतु जैव सुरक्षा (Biosecurity) सबसे महत्त्वपूर्ण उपाय है। जैव सुरक्षा उपायों हेतु विभिन्न उत्पादों का वर्णन पुस्तक में किया गया है।
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