सन् 1857 का संग्राम स्वतंत्रता संग्राम राष्ट्रव्यापी था और मध्यभारत इसका केंद्र बिंदु था जिसमें सागर-नर्मदा क्षेत्र, मध्य प्रांत तथा बुंदेलखंड सम्मिलित थे। इस संग्राम और स्वाधीनता आंदोलन में सिवनी जिला राजनैतिक गतिविधियों का केंद्र स्थल रहा, जहाँ समय-समय पर राष्ट्रीय आंदोलन के अनेक अग्रणी नेता यहाँ की पावन धरा पर आए और आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ यहाँ हुए संघर्ष में सबसे पहले गिरफ्तार होने वाले लोगों में सर्वश्री शैलेद्रनाथ घोष, देवीचरण सक्सेना, बृजमोहन वर्मा आदि थे। यह जिला अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय आंदोलन में सबसे अधिक चर्चित रहा। यहाँ के अमर शहीदों ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर भारत को स्वतंत्र कराने में अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई, जिसके कारण वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा गए। सिवनी जिले के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास पर केंद्रित इस शोध के अंतर्गत तत्कालीन ब्रिटिश के अधीन इस जिले में निवास कर रहे आमजन की सामाजिक तथा आर्थिक जीवन पर उसके प्रभाव का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है। सन् 1857 की क्रांति के दमन के पूर्व तथा दमन के पश्चात् इस क्षेत्र की राजनीतिक प्रक्रिया के मूलभूत तत्वों में हुए परिवर्तन तथा जनता में ब्रिटिश शासन के प्रति व्याप्त असंतोष की भावना का भी विस्तृत अध्ययन करते हुए उसके सामाजिक तथा आर्थिक प्रभाव का भी विवेचन किया गया है।
पुस्तक में प्रथम अध्याय के अंतर्गत सिवनी जिले की भौगोलिक स्थिति तथा राजनैतिक पृष्ठभूमि का वर्णन किया गया है। द्वितीय अध्याय में सिवनी जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का विस्तृत अध्ययन किया गया है। तृतीय अध्याय में सन् 1857 में हुए स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेख है। चतुर्थ अध्याय सिवनी जिले के राष्ट्रीय आंदोलन से संबंधित है। इसमें राष्ट्रीय आंदोलन में सिवनी जिले के योगदान का उल्लेख है जिसमें महात्मा गाँधी के सिवनी प्रवास तथा हरिजनोद्धार कार्यक्रम का विवेचन भी शामिल है। इस दौरान जंगल सत्याग्रह के अंतर्गत 1931 में हुए टुरिया गोलीकांड में हुए बलिदान ने देशभर में सिवनी को चर्चा में ला दिया था। पंचम अध्याय में सिवनी जिले के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके योगदान का वर्णन किया गया है।
शोध कार्य में सहयोग के लिए मैं, राष्ट्रीय अभिलेखागार जनपथ, नई दिल्ली, मध्यप्रदेश के अभिलेख कक्ष, वल्लभ भवन, भोपाल तथा सिवनी जिला कलेक्टर कार्यालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। साथ ही श्रीमती हेमलता तिवारी, केदार तिवारी, एडवोकेट नेतराम चौरसिया, एडवोकेट बिसेन का हृदय से आभारी हूँ जिन्होंने मुझे स्थानीय जानकारी उपलब्ध करायी।
स्वराज संस्थान संचालनालय का मैं हृदय से आभारी हूँ कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य का दायित्व मुझे प्रदान किया।
Hindu (हिंदू धर्म) (13443)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (714)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2075)
Chaukhamba | चौखंबा (3189)
Jyotish (ज्योतिष) (1543)
Yoga (योग) (1157)
Ramayana (रामायण) (1336)
Gita Press (गीता प्रेस) (726)
Sahitya (साहित्य) (24544)
History (इतिहास) (8922)
Philosophy (दर्शन) (3591)
Santvani (सन्त वाणी) (2621)
Vedanta (वेदांत) (117)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist