प्रस्तुत कार्यवृत्त पुस्तिका "स्वामी विवेकानन्द और उनका अवदान" विषयक द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी दिनांक २६ एवं २७ नवम्बर, २०११ में पढ़े गये शोध पत्रों का प्रकाशित रूप है। संगोष्ठी आयोजन के समग्र कार्यवृत्त की प्रेरणा संगोष्ठी स्वीकृति से प्रारम्भ होकर उसके परिपत्रों के प्रेषण, सफल आयोजन एवं प्रकाशन की सफलतम परिणति तक उत्साह वर्धन करने वाले सभी विद्वत् स्वजन एवं सहयोगी जनों के प्रति आभार व्यक्त करना मात्र औपचारिकता ही नहीं, वरन अनिवार्यता भी है।
सर्वप्रथम मैं महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री अरविन्द माहेश्वरी एवं सचिव श्री अरविन्द कुमार गोयल का आभारी हूँ, जिन्होंने संगोष्ठी के आयोजन के लिए प्रेरित किया एवं आवश्यक संसाधन सहर्ष उपलब्ध कराये साथ ही मैं अपने प्राचार्य महोदय का अत्यन्त आभारी हूँ, जिन्होंने अपने प्रभावी निर्देशन और ऊर्जापूर्ण प्रेरणा से इस सम्पूर्ण अयोजन को सफल बनाने में अपना अप्रतिम सहयोग प्रदान किया। प्रो० आर० एस० यादव पूर्व प्रतिकुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय का चिरकृतज्ञ रहूँगा, जिनके मुख्य अतिथि के रूप में दिये गये आशीर्वाद से यह राष्ट्रीय संगोष्ठी सफल हो सकी। मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ बद्री विशाल कालेज के प्राचार्य डॉ० शिव बालक द्विवेदी का जिन्होंने संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षता कर संगोष्ठी को गरिमा प्रदान की। हीरालाल राम निवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, संतकबीर नगर का अत्यन्त आभारी हूँ जिन्होंने संगोष्ठी में विषय प्रवर्तन कर इसे सफल बनाने में योगदान दिया। मैं अत्यन्त आभारी हूँ समापन सत्र में अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे श्री सुखद पाण्डेय चेयरमेन सिक्सा, लखनऊ का जिन्होंने अपना मूल्यवान समय प्रदान कर संगोष्ठी का गौरव बढ़ाया। मैं डॉ० नागेश्वर शुक्ल प्राचार्य गन्ना उत्पाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बहेडी, बरेली, डॉ० विश्राम सिह यादव, प्राचार्य भारतीय महाविद्यालय फतेहंगढ़, डॉ० अनिरुद्ध सिंह यादव प्राचार्य जी० वी० पंत, महाविद्यालय कछला, बदायूँ के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने विशिष्ट अतिथियों के रूप में संगोष्ठी को अपने सारगर्भित विचारों से परिचित कराया।
सम्पूर्ण व्यवस्थाओं के बाद भी यदि विषय विशेषज्ञों का अनुग्रह न होता तो राष्ट्रीय संगोष्ठी अपने विशिष्ट गौरव को प्राप्त न कर पाती। ऐसे श्रेष्ठ विद्वानों एवं आगत अनुग्रह कर्ताओं का मैं सादर आभारी हूँ। अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले मनीषी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुझे अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है। धन्यवाद इसलिए भी कि उनके द्वारा प्रस्तुत विद्वतापूर्ण शोध पत्रों से मुझे इस ग्रन्थ के सम्पादन का अवसर मिल रहा है। मैं सम्प्रति संगोष्ठी के समन्वयक प्रो० एस० सी० मंडल का चिर आभारी हूँ जिन्होंने संगोष्ठी के सुन्दर आयोजन हेतु अथक परिश्रम किया। मैं आभारी हूँ अपने विभागीय सहयोगी डॉ० श्याम मिश्रा, श्री रवेन्द्र शाक्य डॉ० रश्मि गंगवार, श्री मनोज वर्मा, श्री वरनाम सिंह यादव का जिन्होंने संगोष्ठी आयोजन एवं कार्यवृत्त के प्रकाशन में पल-पल सहयोग प्रदान किया। मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूँ डॉ० सुभाष चन्द्र दीक्षित, विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय एटा का जिनके अमूल्य सहयोग एवं सुझावों से यह कार्यवृत्त श्रेष्ठतर बन सका। मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ प्रो० वी० एन० शर्मा एवं संगोष्ठी आयोजन सचिव श्री गिरीश चन्द्र पाल को जिन्होंने इस आयोजन को बुलन्दियों तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया। श्री पवन वाथम (कार्यालय अधीक्षक) श्री मुकेश मोहन भारद्वाज (नैत्यिक लिापक) श्री सुखदेव, श्री आकाश पाल, श्री रवी कुमार का भी मैं आभारी हूँ जिन्होंने कार्यालय सम्बन्धी सुविधा को जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से उपलब्ध कराया।
अन्ततः मैं महाविद्यालय के उन सभी सहयोगियों का आभारी हूँ जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हमें उपकृत किया और संगोष्ठी को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया।
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