प्रकाशकीय
राष्ट्रपिता गांधीजी की रचनाओं में से उनके मूल-भूत विचारों का यह सग्रह नई पीढी के लिए हम इस आशा और विश्वास से प्रकाशित कर रहे हैं कि उनके चरित्रनिर्माण में बापू के विचारों से सहायता मिले ।
बापू ने अपनी शिक्षाओं में सबसे ज्यादा जोर आदमी के वैयक्तिक तथा सामूहिक विकास पर दिया है। इस सग्रह में वे सब विषय आ जाते हैं, जिनके आधारपर एक सच्चे नागरिक का निर्माण हो सकता है। यह पोथी जहां विद्यार्थियों को कर्तव्य का बोध करावेगी, सयम और अनुशासन का पाठ पढ़ावेगी वहा सेवाभावी और सदाचार-युका जीवन के निर्माण में भी सहायता देगी।
हम चाहते हैं कि बापू की शिक्षाओं की सार रूप यह पुस्तक लाखों की सख्या में प्रसारित होकर प्रत्येक बालक के हाथ में पहुचे। अत: भारतीय राज्यों के शिक्षा-संचालकों से हमारा विशेष अनुरोध है कि वे अपने-अपने राज्य की शिक्षा सस्थाओं के विद्यार्थियों में इनको अधिक-से-अधिक फैलाने में 'मडल' की सहायता करने की कृपा करें ।
विषय-सूची
3
1
विद्यार्थी-जीवन के कुछ अनुभव
5
2
नीति-धर्म
10
अदल इंसाफ
13
4
सत्य
17
अंहिसा
19
6
ब्रह्मचर्य
21
7
सत्य और अंहिसा का पालन
24
8
अस्तेय (चोरी न करना)
26
9
अभय
27
अस्पृश्यता निवारण
29
11
शरीर श्रम
31
12
सर्वधर्मसमभाव
33
नम्रता
35
14
स्वदेशी
37
15
सच्चा न्याय
40
16
अद्भुत त्याग
41
विद्याभ्यास
43
18
वाचन और विचार
44
शरीर
46
20
नशीली चीजें
48
गीता-माता
50
Hindu (हिंदू धर्म) (13443)
Tantra (तन्त्र) (1004)
Vedas (वेद) (714)
Ayurveda (आयुर्वेद) (2075)
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