"एनलाइटनमेंट क्या है?" पुस्तक में ब्रह्मर्षि पत्री जी ने आत्मज्ञान की अवधारणा को सरल और व्यावहारिक तरीके से प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक में 'एनलाइटनमेंट' का अर्थ, इसके विभिन्न पहलू, और जीवन में इसकी महत्ता को समझाया गया है। ब्रह्मर्षि पत्री जी बताते हैं कि आत्मज्ञान का अर्थ सिर्फ ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि जीयन को दिव्य तरीके से जीना है।
पुस्तक में बताया गया है कि कैसे आत्मज्ञान मनुष्य को एक परिपक्य और संतुलित जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करता है। इसमें यह भी बताया गया है कि आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए किसी विशेष आयु का होना जरूरी नहीं है, बल्कि यह किसी भी उम्र में संभव है। 'एनलाइटनमेंट' का अर्थ है मन, वचन और कर्म की शुद्धि।
ब्रह्मर्षि पत्री जी ने यह भी समझाया है कि आत्मज्ञान का अर्थ है अपना जिम्मेदारियों को समझना, अपने कर्मों के प्रति जागरूक होना और जीवन में करुणा, मैत्री और सहानुभूति को अपनाना।
यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो अपने जीवन को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में ले जाना चाहते हैं और 'आत्मज्ञान' को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहते हैं।
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