पुस्तक परिचय
चन्द्रमा और तारे तो बचपन से ही हमारे जीवन में रचे बसे हैं या हम कह सकते हैं कि हमारे जीवन में समाहित हैं। विस्तृत नीले आकाश में वे अपनी शानदार उपस्थिति प्रदर्शित करते हुए, हमें अपनी ओर खींचतें हैं। चन्द्रमा और तारों का हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं में भी गहरा महत्व है। जैसे सावन महीने की पूर्णिमा के दिन रक्षाबन्धन का पर्व मनाया जाता है, बुद्ध पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती पूर्णिमा पर मनाई जाती है, दीपावली अमावस को मनाई जाती है, भाद्रपद महीने की पूर्णिमा के दिन उमा-महेश्वर व्रत मनाया जाता है, अश्विन माह की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है, कार्तिक की पूर्णिमा के दिन भव्य पुष्कर मेले और भीष्म पञ्चक का समापन होता है, इसी तरह से अनेकाएक पर्व हर्षोल्लास से चन्द्रमा की कलाओं के अनुसार हमारे देश में मनाये जाते हैं। चाँद और तारे हम सब के मन में हमेशा से ही अत्यधिक जिज्ञासा का केंद्र रहे हैं इसलिए मानवता के हर हिस्से में हजारों दंतकथाओं का मंथन किया गया है।
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