लेखक परिचय
कुमार गौरव "परिश्रम और लगन से ही सफलता के द्वार खुलते हैं", इस कथन को सत्य कर दिखाने वाले श्री कुमार गौरव राय एक प्रेरणास्पद व्यक्तित्व हैं। आपकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सादगीपूर्ण वातावरण में हुई, जहाँ संसाधनों की कमी थी, परंतु सपनों की कोई सीमा नहीं थी। बचपन से ही अध्ययन के प्रति लगाव और जिज्ञासा ने आपको शिक्षा की ओर निरंतर प्रेरित किया। आपने प्रयागराज विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की उपाधि प्राप्त की, जिसके पश्चात वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स (M.B.E.) किया। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका को और भी सशक्त बनाने हेतु आपने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (B.L.I.S.) किया। अध्ययन-अध्यापन के प्रति समर्पण और पुस्तकों के प्रति अनुराग आपको एक नई दिशा की ओर ले गया। निजी संस्थानों में कार्य करते हुए आपने व्यावसायिक अनुभव अर्जित किया और वर्तमान में एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय में पुस्तकालयाध्यक्ष (Librarian) के रूप में कार्यरत हैं। आपकी भूमिका मात्र पुस्तक प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि आप विद्यार्थियों में अध्ययन की संस्कृति और ज्ञान के प्रति रुचि जाग्रत करने का सतत प्रयास कर रहे हैं। श्री कुमार गौरव राय का जीवन हमें यह सिखाता है कि साधारण शुरुआत भी असाधारण उपलब्धियों तक पहुँच सकती है, यदि इरादे मजबूत हों और प्रयास निरंतर । इनकी पहली पुस्तक "मेरी कलम से" ने ही पाठकों के बीच इन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई। अब अपनी दूसरी पुस्तक के माध्यम से ये एक बार फिर आप सबके बीच अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। अनुराधा प्रकाशन साहित्य-अध्यात्म एवं जीवन मूल्यों को समर्पित
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