हर व्यक्ति जीवन में आगे, बहुत आगे बढ़ना चाहता है और इसके लिए हर पल कोशिश करता रहता है। कोशिश के साथ कड़ी मेहनत, काम के प्रति पूर्ण निष्ठा और जीवन के प्रति लंगाव ही सफलता दिलाता है। लक्ष्य को पाना कोई आसान काम नहीं होता है और आपका लक्ष्य कितना बड़ा और कितना कठिन है, इसको ध्यान में रखकर ही आप को मेहनत करने की जरूरत है। आप अपने लक्ष्य को हमेशा अपने सामने रखें और हमेशा उसे याद करते रहें, ताकि आपके अवचेतन मन में वह स्थायी रूप से अंकित हो जाएँ और आपका मस्तिष्क उसके प्रति हमेशा सक्रिय बना रहे। आप अपनी पसंद के लक्ष्य को पाना चाहते हैं तो अपना ध्यान उस पर केंद्रित रखें और हर हाल में हार न मानें। हार मानने वालों को लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती है।
लेखक का नाम-राजेन्द्र कुमार।
पिता का नाम : स्व. (श्री) श्याम नारायण पांडेय ।
मूल निवास : ग्रा.-रामपुर, पो.- दिघार, जिला-बलिया (उ.प्र.)।
संपादन कार्य : गृहलक्ष्मी गृहनंदनी, (पूर्व संपादक) लेखक और पत्रकार राजेन्द्र कुमार विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रहे हैं। पिछले कई दशकों से उनकी पुस्तकें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। लेखक की भाषा सरल, सहज और पाठकों के अनुकूल होने के कारण, उनका लेखन पठनीय है। भारतवर्ष में हिंदी भाषा के विकास एवं संबंधित कार्यक्रमों के सुदृढ़ीकरण में सफल योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्राब्दी सम्मान (2000) प्रदान किया जा चुका है।
कन्फ्यूशस का कहना है कि 'जिस मनुष्य को अपने ऊपर काबू नहीं है और दुर्बल चरित्र वाला है, वह उस सरकंडे के समान है, जो वायु के झोंके पर झुक जाता है।' क्या आपका अपने ऊपर नियंत्रण है? यदि नियंत्रण है तो बहुत ही अच्छी बात है लेकिन मुझे पता है अस्सी प्रतिशत से भी अधिक लोगों का अपने ऊपर जोर नहीं चलता है, वे सारा जोर दूसरों पर चलाते चलाते जोरहीन हो जाते हैं। क्या आप अपनी शक्ति को फिजूल के कार्यों में लगा-लगाकर नष्ट कर चुके हैं तो फिर आप अपनी शक्ति यानी जोर को वापस प्राप्त करने का प्रयास करें। क्योंकि जोर के बिना न तो आप स्वयं पर नियंत्रण ही रख सकेंगे और न ही नियंत्रण को हटा ही सकेंगे। जोर की जरूरत नकारात्मक कार्यों के लिए भी और सकारात्मक कार्यों के लिए भी पड़ती है। इसलिए सबसे पहले आप अपनी शक्ति को सुरक्षा प्रदान करें, फिर उसे अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करें।
शक्ति होगी, अच्छी सोच होगी, संबंध मजबूत होंगे और विचार सकारात्मक होंगे तो मनचाहे लक्ष्य अवश्य ही आपको प्राप्त होंगे। कोई मुझसे पूछे कि सफलता के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए तो उसके लिए मेरी सलाह यही होगी कि इस मामले में जितने भी सफल लोग हैं, उनका सबका ही अनुभव अलग-अलग है। आप सफल लोगों के अनुभवों को जानने के लिए उनके विचार पढ़ें फिर उनमें से जिसके भी विचार आपको अपनी तरफ खींचें उनको अपने लक्ष्य को पाने के लिए इस्तेमाल करें। मैं यह सलाह इसलिए दे रहा हूँ क्योंकि जो सबको सबके अनुभव सूट नहीं करते हैं। मैं अपने शब्दों में कहूँ तो यही कहूँगा कि व्यक्ति को अपने व्यक्ति और सोच में पूर्ण विश्वास करने की क्षमता होनी चाहिए। फिर उसे बाहरी सहायता की जरूरत नहीं पड़ती है। वह अपने लक्ष्य को अपने दम पर समय से पहले ही प्राप्त कर लेता है। सफल और कामयाब लोगों का कहना है कि व्यक्ति बड़ा, अमीर और महान तभी बनता है जब वह किसी भी काम की सौ प्रतिशत जिम्मेदारी लेता है, उससे गलती हो भी जाती है तो वह कबूल कर माफी माँग लेता है तो ईश्वर भी उसकी मदद करने के लिए अपनी कृपा की बरसात उस पर कर देता है। सफलता प्राप्त करने के लिए क्षमा करना जरूरी है, गलती होने पर गलती को स्वीकार कर माफी माँगना आवश्यक है और जो भी काम दिया जाए उसे समय से पूरा करना जरूरी है। जो लोग ईमानदार नहीं होते हैं, जिम्मेदार नहीं होते हैं और कर्तव्यनिष्ठ नहीं होते हैं, वे जीनियस होने के बाद भी सफलता के शिखर को छू भी नहीं पाते हैं।
मैं यदि कहूँ कि आपकी सफलता आप पर निर्भर करती है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि कोशिश आप करेंगे, मेहनत आप करेंगे, योजनाबद्ध तरीके से काम आप करेंगे तो सफलता आप पर ही निर्भर करती है न? आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको असफलता ही प्राप्त होगी न। असफलता से बचने का प्रयास न कर असफलता का डट कर सामना करें ताकि आपको सफलता के लिए कोई सुराग मिल सके। बार-बार असफल होने वाले ही विजेता बनते हैं और जो लोग एक बार असफल होने पर थक-हार कर बैठ जाते हैं, वे कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। लक्ष्य को पाने के लिए अर्जुन की तरह लक्ष्य पर अपना ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। ध्यान को एक स्थान पर टिका कर रखें और जीवन को सफल बनाएँ।
बहुत से लोग फैसला ही नहीं ले पाते हैं और यह स्पष्ट भी नहीं कर पाते हैं कि वे क्या चाहते हैं। फैसला तो आपको ही लेना पड़ेगा कि आप क्या चाहते हैं और फिर उस काम में जी-जान से लग जाइए। आप जब तक काम को शुरू नहीं करेंगे तब तक आपको सफलता नहीं मिलेगी। सफलता को पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। यह तो कड़वा सच है कि परिश्रम ही वह चीज है, जिससे व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है। मैंने देखा है, अधिकतर लोग परिश्रम करने से घबराते हैं या जी चुराते हैं। ऐसे लोग अपना धन, समय और श्रम व्यय करके भी अपने लक्ष्य के करीब भी पहुँच नहीं पाते हैं। आप समय, धन, श्रम व्यय कर रहे हैं, तो अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही दम लें।
आपके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है, आप विश्वास करें। आप जब तक यकीन नहीं करेंगे। आपको हर काम असंभव ही लगेगा। इसलिए मेरी सलाह है कि आप पूरी निष्ठा, विश्वास और संकल्प के साथ निर्णय लें और काम शुरू करें। काम शुरू करते ही काम कितना भी कठिन हो आधा हो जाता है। और काम को काम ही सिखाता है कि कैसे काम होगा।आपके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है, आप विश्वास करें। आप जब तक यकीन नहीं करेंगे। आपको हर काम असंभव ही लगेगा। इसलिए मेरी सलाह है कि आप पूरी निष्ठा, विश्वास और संकल्प के साथ निर्णय लें और काम शुरू करें। काम शुरू करते ही काम कितना भी कठिन हो आधा हो जाता है। और काम को काम ही सिखाता है कि कैसे काम होगा।
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