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विज्ञान और प्रौद्योगिकी का मानव जाति पर प्रभाव- Impact of Science and Technology on Mankind

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Specifications
Publisher: National Book Trust India
Author K. V. Gopalakrishnan
Language: Hindi
Pages: 149
Cover: PAPERBACK
8.5x5.5 inch
Weight 190 gm
Edition: 2025
ISBN: 9788123770734
HCA695
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Book Description

About the Book

मानव इतिहास की प्रगति शक्तिशाली रूप से अनेक कारकों से प्रभावित रही है, उनमें से कुछ विध्वंसक और कुछ लाभकारी थे। विध्वंसक कारकों में प्रमुख थे युद्ध, महामारियाँ, प्राकृतिक आपदाएँ, और अकाल। यह दिखाने के लिए कि किस प्रकार इन कारकों ने इतिहास की प्रगति को गंभीर रूप से प्रभावित किया, महामारी के दो उदाहरणों को देखा जा सकता है। 1347 से 1350 के दौरान यूरोप में काली मौत, प्लेग के प्रकोप ने इन तीन वर्षों के छोटे समय में महाद्वीप की लगभग एक-तिहाई जनसंख्या का सफाया कर दिया। फिर से सामान्य होने में यूरोप को पूरी एक शताब्दी लग गई।

जब स्पेनवासी फर्नेन्डो कार्टीस और फ्रांसिस्को पिजेरा जैसे आविष्कारकों से आहत हुए, सोलहवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में (1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस के पहुँचने के बाद) नई दुनिया के दक्षिणी भाग पर आक्रमण किया, उन्होंने वहीं बहुत तेजी से फलती-फूलती एजटेक और इंका सभ्यताओं का सफाया कर दिया। स्पेनवासी अपने साथ जो बीमारियाँ लेकर आए, जिनके विरुद्ध दक्षिण अमेरिका के निवासियों में प्रतिरोध नहीं था, उनकी बंदूकों और तलवारों की अपेक्षा कहीं ज्यादा घातक सिद्ध हुईं। एजटेक और इंका सभ्यताएँ गायब हो गई, और फिर कभी पुनरुज्जीवित नहीं हुईं।

अनेक समाज प्रकृति के बलों से नष्ट हो गए। माना जाता है कि प्राचीन मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यताएँ बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट हो गईं। वेसुवाइसस के विस्फोट के कारण पोम्पेई का नाटकीय अंत जिसे विस्तार की जरूरत नहीं, सुविख्यात है।

लेकिन मानव समाज सकारात्मक विकासों से भी काफी प्रभावित हुआ है। शिकार और आहार की खोज से स्थायी खेती में परिवर्तन से जनसंख्या में काफी बढ़ोतरी हुई।

इससे लोगों के एक वर्ग ने स्वयं को संगीत, साहित्य, धर्म आदि के प्रति समर्पित किया। धातु की खोज से टिकाऊ और मजबूत कृषि उपकरण, वैगन और गाड़ियों आदि का निर्माण हुआ।

सबसे अद्यतन और सबसे शक्तिशाली बल जिसने मानवता को प्रभावित किया, वह है वैज्ञानिक-तकनीकी क्रांति। विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने पिछली कुछ शताब्दियों में विगत की सभी सहस्राब्दियों की अपेक्षा, दुनिया को बदल दिया है। और अंत कहीं दिखाई नहीं देता। वास्तव में, परिवर्तन की गति बढ़ रही है और यहाँ तक कि सबसे ज्ञानी विचारक भी विश्वासपूर्वक बताने में असमर्थ हैं कि यह हमें भविष्य में कहाँ ले जाएगी। विज्ञान प्रकृति के नियमों का क्रमबद्ध अध्ययन है और प्रौद्योगिकी मानव के लिए लाभदायक सामान और सेवाएँ जुटाने के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का अनुप्रयोग है। आधुनिक वैज्ञानिक युग का आरंभ सोलहवीं शताब्दी में यूरोप में हुआ और उसके कुछ शताब्दियों बाद औद्योगिक क्रांति हुई, जो आवश्यक रूप से मानव की आवश्यकता के लिए विज्ञान का अनुप्रयोग है। एक अपेक्षाकृत धीमे आरंभ के बाद, प्रक्रिया में तेजी आई और उन्नीसवीं शताब्दी के बाद वाले आधे भाग में असली बाढ़ आ गई।

इस क्रांति से आए परिवर्तन असीम और रूपांतरित हैं। कोयले, तेल, परमाणु ऊर्जा आदि के उपयोग ने ऊर्जा की विशाल मात्रा उपलब्ध कराई। रेलवे, गाड़ियाँ, हवाई जहाज आदि ने आयाम को गति दी और परिवहन को उस स्तर तक गति दी जिसकी हमारे पूर्वजों ने कल्पना भी नहीं की थी। इलेक्ट्रॉनिक चमत्कारों ने एक चमक से दुनिया भर में संदेश भेजने में सक्षम बनाया। नैदानिक प्रगति ने मानव जीवन काल को कई दशकों तक बढ़ाया। वास्तव में मानव गतिविधि का शायद ही कोई पक्ष इस क्रांति से अछूता है।

लेकिन औद्योगिकीकरण के प्रभाव जीवन की केवल भौतिक अवस्थाओं तक सीमित नहीं हैं। मानव प्रवृत्तियों और व्यवहार में दूरव्यापी परिवर्तन हैं। यह इतिहास के सामान्य पाठ के सापेक्ष्य है-जीवन की परिवर्तित अवस्थाएँ सदैव प्रवृत्तियों और व्यवहार को बदल देती हैं। पुराने स्वीकृत विश्वास, शक्ति के पारंपरिक धारकों के प्रति परवशता, पैतृक अधिकार आदि धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाते हैं और कुछ स्थितियों में औद्योगिकीकरण प्रदत्त नए ज्ञान और काम करने की स्वतंत्रता के प्रभाव के अंतर्गत गायब भी हो जाते हैं। प्राकृतिक आपदाओं और गंभीर बीमारियों की भाग्यवादी स्वीकृति ने इस अभिशंसा को मार्ग दिखाया कि हल ढूँढ़े जा सकते हैं। स्त्रियों की स्वतंत्रता, 'अल्पसंख्यक' वर्गों द्वारा अभिकथन, प्रजातंत्र का विस्तार आदि सीधे ही और प्रबल रूप से प्रौद्योगिकी द्वारा लाये गए जबरदस्त भौतिक परिवर्तनों से जुड़े हैं।

मानवीय कार्यों में सभी महान बलों की तरह, औद्योगिकीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव हैं। बेहतर सामान्य स्वास्थ्य, कड़ी मेहनत से छुटकारा, कैरियर में उत्कृष्ट चुनाव आदि अनेक लाभों में से कुछ हैं। लेकिन पर्यावरण में गंभीर प्रदूषण, प्रकृति का विनाश, पारिवारिक संबंधों का टूटना और विध्वंसक युद्ध भी औद्योगिकीकरण का ही परिणाम हैं।

अनुवर्ती अध्यायों में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के समाज पर बहुपक्षीय प्रभाव की चर्चा की गई है। हम सब इस क्रांति द्वारा उन्मुक्त बलों द्वारा गहराई से प्रभावित हैं, चाहे हमें मूल कारण का पता हो या नहीं। लेकिन समाज परिवर्तनों को बेहतर ढंग से संचालित कर सकता है अगर लोग इस क्रांति के लिए उत्तदायी बलों को जिसने पिछली दो शताब्दियों में दुनिया को तेजी से घुमा दिया है, अच्छे से, विस्तार में जान और समझ लें।

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