| Specifications |
| Publisher: SAHITYA AKADEMI | |
| Author: नारायण कृष्ण शनवारे: (Narayan Krishna Shanware's) | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 96 | |
| Cover: Paperback | |
| 8.5 inch X 5.5 inch | |
| Weight 20 gm | |
| Edition: 1984 | |
| NZA514 |
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पुस्तक के बारे में
कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर काका साहब खाडिलकर के नाम से विशेष प्रसिद्ध थे । एक महान् देशभक्त के रूप में आज भी उनका पर्याप्त सम्मान है । मराठी नाटय-सृष्टि में उन्होंने बहुमूल्य कार्य किया । मराठी नाट्य प्रेमियों ने अत्यंत लेह भाव से उन्हें ‘नाट्याचार्य’ की पदवी से विभूषित किया ।
कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर एक प्रसिद्ध पत्रकार भी थे । महाराष्ट्र में आधुनिक पत्रकारिता की नींव उन्हीं ने डाली थी । खाडिलकर श्रेष्ठ चिंतक तथा वैदिक साहित्य के अभ्यासक थे । कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर सादगी, सदाचार और ईमानदारी, देशभक्ति, स्वाभिमान व नेकी, इन गुणों की प्रत्यश मूर्ति ही थे ।
इस पुस्तिका के लेखक नारायण कृष्ण शनवारे ने मराठी नाट्य-सृष्टि पर विशेष शोधकार्य किया है । महाराष्ट्र की राज- नीतिक हलचल का मराठी नाट्यसृष्टि पर प्रभाव (सन् ‘1843 से 1947’) उन्होंने शोध प्रबंध लिखा है ।
इस पुस्तिका में आपने मराठी नाट्य-सृष्टि में खाडिलकर के बहुमूल्य योगदान की समीक्षा तथा उनके व्यक्तित्व का चित्रण पाठकों के सामने रखा है ।
|
अनुक्रम |
||
|
1 |
प्रारंभ |
7 |
|
2 |
देशभक्त (तिलक युग) |
13 |
|
3 |
देशभक्त (गाँधी युग) |
28 |
|
4 |
नाट्याचार्य |
37 |
|
5 |
पत्रकार |
54 |
|
6 |
वक्ता |
72 |
|
7 |
दार्शनिक |
78 |
|
8 |
व्यक्ति तथा गृह-जीवन |
83 |
|
9 |
उपसंहार |
95 |
|
10 |
सूची |
97 |
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