पुस्तक के विषय में
इस पुस्तक में लेखक नरेंद्र शर्मा ने बड़ीं सरल और सुबोध भाषा में गांधीजी की जीवनी प्रस्तुत की है।
पुस्तक के अध्ययन से पता चलता है कि गांधीजी बचपन में बड़े संकोची स्वभाव के थऐ परंतु अपनी भूल को स्वीकार करने और उसे सुधारने की आदत उनके स्वभाव का अभिन्न अंग थी। वे सदैव सत्य, अहिसा एवं त्याग के मार्ग पर चलकर अपने उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास करते थे।
स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर संभालने के बाद भी वे इसी मार्ग पर चले और सफलता प्राप्त की।
प्रस्तुत बच्चों के लिए लिखी गई है परंतु इससे बड़े भी प्रेरणा ग्रहण करेंगे कोई संदेह नहीं।
विषय-सूची |
||
1 |
जन्मभूमि और परिस्थिति |
1 |
2 |
विलायत की यात्रा |
14 |
3 |
माता 'पुतलीबाई |
24 |
4 |
विलायत से वापसी |
31 |
5 |
दक्षिण अफ्रीका की ओर |
42 |
6 |
धर्म, कानून और लोक-सेवा |
55 |
7 |
सेवा धर्म |
69 |
8 |
छुट्टी और वापसी |
78 |
9 |
सेवा की प्रवृत्ति और भोग से निवृत्ति |
89 |
10 |
मनचीती प्रभुचीती |
98 |
11 |
बड़ा परिवार और बढ़ता हुआ कार्यक्षेत्र |
110 |
12 |
धोखा और जीवन जोखों |
121 |
13 |
कर्मवीर की कार्यपूर्ति |
133 |
14 |
विदाई और स्वागत |
148 |
15 |
खरी बात और अनूठा व्यक्तित्व |
158 |
16 |
मर्माहत आत्मा और विद्रोही महात्मा |
172 |
17 |
महात्मा गांधी की जय |
186 |
18 |
जन-गण-मन में |
202 |
19 |
सत्याग्रह, संधि-विग्रह और अनशन |
217 |
20 |
अंतिम आदोलन और बलिदान पर बलिदान |
234 |
21 |
बलिदानों की परंपरा में |
250 |
पुस्तक के विषय में
इस पुस्तक में लेखक नरेंद्र शर्मा ने बड़ीं सरल और सुबोध भाषा में गांधीजी की जीवनी प्रस्तुत की है।
पुस्तक के अध्ययन से पता चलता है कि गांधीजी बचपन में बड़े संकोची स्वभाव के थऐ परंतु अपनी भूल को स्वीकार करने और उसे सुधारने की आदत उनके स्वभाव का अभिन्न अंग थी। वे सदैव सत्य, अहिसा एवं त्याग के मार्ग पर चलकर अपने उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास करते थे।
स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर संभालने के बाद भी वे इसी मार्ग पर चले और सफलता प्राप्त की।
प्रस्तुत बच्चों के लिए लिखी गई है परंतु इससे बड़े भी प्रेरणा ग्रहण करेंगे कोई संदेह नहीं।
विषय-सूची |
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1 |
जन्मभूमि और परिस्थिति |
1 |
2 |
विलायत की यात्रा |
14 |
3 |
माता 'पुतलीबाई |
24 |
4 |
विलायत से वापसी |
31 |
5 |
दक्षिण अफ्रीका की ओर |
42 |
6 |
धर्म, कानून और लोक-सेवा |
55 |
7 |
सेवा धर्म |
69 |
8 |
छुट्टी और वापसी |
78 |
9 |
सेवा की प्रवृत्ति और भोग से निवृत्ति |
89 |
10 |
मनचीती प्रभुचीती |
98 |
11 |
बड़ा परिवार और बढ़ता हुआ कार्यक्षेत्र |
110 |
12 |
धोखा और जीवन जोखों |
121 |
13 |
कर्मवीर की कार्यपूर्ति |
133 |
14 |
विदाई और स्वागत |
148 |
15 |
खरी बात और अनूठा व्यक्तित्व |
158 |
16 |
मर्माहत आत्मा और विद्रोही महात्मा |
172 |
17 |
महात्मा गांधी की जय |
186 |
18 |
जन-गण-मन में |
202 |
19 |
सत्याग्रह, संधि-विग्रह और अनशन |
217 |
20 |
अंतिम आदोलन और बलिदान पर बलिदान |
234 |
21 |
बलिदानों की परंपरा में |
250 |