भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की स्थिति: Position of Women in Indian Culture

$13
Quantity
Delivery Ships in 1-3 days
Item Code: HAA310
Author: सोती विरेन्द्र चन्द्र: (Soti Virendra Chandra)
Publisher: D. K. Printworld Pvt. Ltd.
Language: Sanskrit Text to Hindi Translation
Edition: 2009
ISBN: 9788124604977
Pages: 103
Cover: Paperback
Other Details 8.5 inch X 5.5 inch
Weight 160 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business

Book Description

पुस्तक परिचय

वैदिक युग से ही भारतीय संस्कृति में स्त्रियों के प्रति अत्यन्त आदरणीय दृष्टिकोण रहा है । पुरातनकाल से ही भारत में स्त्रियों का जीवनमूल्य अत्यधिक पवित्र एवं पुनीत समझा जाता रहा है । इस पुस्तक में भारत के इतिहास के विभिन्न कालोंरामायण काल, महाभारत काल, उपनिषद् काल, बौद्ध काल, मध्य काल और ब्रिटिश राज  में स्त्रियों की स्थिति का अध्ययन किया गया है । विभिन्न कालों में भिन्नभिन्न समयों में स्त्रियों को किसकिरन रूप में देखा जाता था' वे कौनसी स्त्रियाँ थीं जिन्होंने अलगअलग क्षेत्रों में अपने लिए जगह बनाई । इस संदर्भ में ब्रह्मवादिनी गार्गी, गोंडवाना की राजमहिषी दुर्गावती, महारानी अहल्याबाई झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एवं अन्य नारियों का योगदान विशेष उल्लिखित है । यह पुस्तक नारी को सम्मान दिलाने तथा उसके पारिवारिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालती है ।

प्रस्तुत पुस्तक में आदिकाल में भारतीय स्त्रियों की सम्मानित परिस्थितियों से लेकर वर्तमान काल में उसके संघर्षपूर्ण जीवन की झलक दिखाई गई है । यह पुस्तक स्त्री विशेषज्ञों तथा भारतीय संस्कृति और इतिहास के अध्ययन में रत्त बुद्धिजीवियों के लिए 'तो उपयोगी होगी ही, साथ ही साथ साधारण पाठक के कौतुहल को भी शान्त करने में सहायक सिद्ध होगी।

लेखक परिचय

एक आस्थावान वैदिक परिवार में जन्मे श्री सोती वीरेन्द्र चन्द्र ने इलाहाबाद वि०वि० से स्नातक एवं सोशल सर्विस एड विलेज अपलिफ्टमेट तथा पंजाब वि०वि० से डिप्लोमा इन जर्नलिज्म प्राप्त किया । तद्पश्चात् आपने लखनऊ वि०वि० से प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति में एम०ए० किया तथा हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से विशारद की उपाधि प्राप्त की । राजकीय कला एव शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ के राजपत्रित रजिस्ट्रार तथा वृन्दावन शोध सस्थान के प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर दीर्घकालीन सेवा से निवृत होने के बाद आपने निरन्तर अध्ययन और लेखन मे अपने को समर्पित रखा । आपको केन्द्रीय सरकार ने आपकी पुस्तक भारतीय सस्कृति के मूल तत्व' के लिए पुरस्कृत किया। भारतीय राष्ट्रीय एकता पुस्तक पर भी आपको केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मत्रालय ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र प्रथम पुरस्कार  प्रदान किया एव भारतीय सस्कृति की सुगन्ध' नामक नथ पर उत्तर प्रदेश हिन्दी सस्थान ने पुरस्कृत किया । आपके अन्य प्रकाशित ग्रन्थ हैं रूद्राक्ष माहात्म्य 'हाकी सम्राट ध्यानचन्द आर्य एवं आर्य सस्कृति: और स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती'

पुरोवाक्

यन्त्री राड् यञ्त्रसि यमनी धुवासि धरित्री।

इषे त्वोर्जेत्वा रय्यै पोषाय त्वा।।

स्त्री को पृथ्वी के समान क्षमायुक्त, आकाश के समान निश्चल और यन्त्रकला के समान जितेन्द्रिय होने तथा कुल का प्रकाश करने वाली हो, ऐसा उदात्त उपदेश दिया गया है ।

भारतीय संस्कृति वेदों से निःसृत हुई है । स्त्री के विषय में वेद का उपर्युक्त उद्घोष अत्यन्त सारगर्भित एवं मार्गदर्शक है । वैदिक संस्कृति पर आधारित वैदिकयुगीन स्त्रियों की स्थिति विविध विधाओं में चर्मोत्कर्ष पर थी ।

प्राचीन काल में भारतीय संस्कृति में स्त्रियों के प्रति अत्यन्त उदात्त आदेश निर्दिष्ट किये गए थे । भारतीय स्त्रियाँ परम आदर की अधिकृत थीं । भारतीय संस्कृति पुत्रपुत्री में भेदभाव के विरुद्ध है । नवयुवतियों को नवयुवकों के समान सर्वोच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु नियम निर्धारित थे । इस कारण अनेक भारतीय स्त्रियाँ असाधारण योग्यता से अभिहित होने के आधार पर परम विदुषी थीं । उन्होंने अपनी विद्वत्ता एवं कार्यकुशलता के द्वारा भारत को गौरवान्वित कर श्लाघनीय स्थिति प्राप्त की थी । अत: अतीत काल में भारत स्त्रियों की उच्च स्थिति के सम्बन्ध में विश्व में सर्वोपरि स्थान रखता था ।

भारतीय संस्कृति में स्त्रियों से सम्बन्धित जीवनमूल्य अत्यधिक पवित्र एवं पुनीत समझे जाते थे । अतएव उन्हें अनुल्लंघनीय माना जाता था । इस सन्दर्भ में वेदिक युग से लेकर विभिन्न युगों में भारतीय स्त्रियों की स्थिति का दिग्दर्शन कराया गया है । कालान्तर में विधर्मियों के आक्रमणों के बाद भारतीय स्त्रियों की स्थिति के ह्रासोन्मुखहोने का भान मिलता है।

संस्कृति राष्ट्र की आत्मा होती है । अत: भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की स्थिति से सम्बन्धित प्रतिमानों एवं परम्पराओं के प्रति आस्था उद्दीप्त करने के उद्देश्य से यह संरचना की गई है ताकि स्त्री जाति जो अतुलनीय आदर की पात्र है, उसे ससम्मान जीवनयापन करने दिया जाए ।

इसके साथ ही ग्रन्थ में विवाह, दाम्पत्य जीवन, दहेज कुप्रथा, नारी की गरिमा के अनुरूप गुण, स्त्रियों का आदर एवं सम्मान, ममतामयी माँ की महिमा एवं भारतीय नारी का सर्वोत्तम गुण लज्जा सम्बन्धी विविध विषयों का विशुद्ध विवेचन किया गया है ।

मैंने अपनी इस रचना को अपनी छोटी दो बहनों गायत्री एवं गार्गी की पुण्य स्मृति में समर्पित किया है । मुझे हार्दिक दुःख है कि मैं उनके लिए कुछ न कर सका । अतएव मैं क्षमाप्रार्थी हूँ ।

मैं उन विद्वानों के प्रति हृदय से अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूँ जिनकी कृतियों से मैं अपने इस लेखन में लाभान्वित हुआ हूँ । मैं अपनी पुत्री इन्द्रा सोती शर्मा एम० ए० (प्रथम श्रेणी), बी० ए० (आनर्स) स्वर्ण पदक प्राप्त एवं चन्द्रा वसिष्ठ, एम० ए० (प्रथम श्रेणी) को भी आशीर्वाद सहित धन्यवाद देना चाहूँगा ।।

मेरी स्वर्गीय धर्म पत्नी श्रीमती कमला सोती ने सोशल सर्विस और विलेज अपलिफ्टमेंट का एकवर्षीय पाठ्यक्रम इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उर्त्तीण किया था तथा इस सम्बन्ध में स्त्रीयों की सेवा की थी । इस पुस्तक को लिखने में मैं उनकी प्रेरणा भी मानता हूँ ।

मैं आशा करता हूँ कि मेरी पौत्री सौम्या सोती भारतीय आदर्शों के अनुरूप अपने जीवन को विकसित करेगी ।

 

विषयानुक्रम

दो शब्दशीला दीक्षित

vii

पुरावाक्

ix

अध्याय

 

वैदिक युग तथा भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की स्थिति

1

वैदिक समाज में विदुषी स्त्रियां

2

वैदिक परिवार में स्त्रियों की स्थितिसम्राज्ञी

3

देवी समकक्ष मंगलकारी स्त्रिया

4

रामायण काल में स्त्रियों की स्थिति

8

वीरांगना स्त्रियां

8

पूति अनुगमन करने वाली स्त्रियां

9

मंत्रविद् करने वाली स्त्रियां

10

महाभारत काल में स्त्रियों की स्थिति

11

ओजस्विनी द्रोपदी

12

पतिव्रत धारण करने वाली गान्धारी

13

क्षात्र धर्म वाली कुन्ती

14

उपनिषद् काल में स्त्रियों की स्थिति

17

ब्रह्मवादिनी नारी मैत्रेयी

17

ब्रह्मवादिनी गार्गी एवं याज्ञवल्क्य ऋषि का शास्त्रार्थ

18

आदिशंकराचार्य एवं गूढ़ विषय ज्ञानी उभया भारती का शास्त्रार्थ

19

बौद्ध काल में स्त्रियों की स्थिति

21

थेरियों स्थविर भिक्षुणी स्त्रियां

21

मध्यकाल में भारतीय स्त्रियों की स्थिति

24

मध्य काल में राजपूत नारियां

26

गोंडवाना की राजमहिषी दुर्गावती

28

महारानी अहल्याबाई

29

ब्रिटिश काल में झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई

31

 स्त्रियों की स्थिति के प्रति जागरुकता

33

अध्याय 2

 

नारी की उत्पत्ति सृष्टि का मूलाधार

37

विवाह एक्? पुनीत बन्धन

38

भारतीय संस्कृति में दाम्पत्य जीवन

39

दाम्पत्यजीवन का सुख एवं शान्तिपूर्वक निर्वाह

42

वैवाहिक जीवन सुखमय कैसे हो?

43

राह को सुखमय शान्तिधाम कैसे बनाएं?

44

सफल दाम्पत्य जीवन कैसे प्राप्त हो?

46

नारी को उसके उचित पद पर प्रतिष्ठित कैसे किया जाये

48

वैदिक संस्कृति में विवाह का उद्देश्य  

48

नववधु को दहेजकुप्रथा के विकराल दानव की बलि बना देना

50

पुत्रवधु आत्महत्या करने पर विवश

56

प्रेम विवाह

58

स्त्री जाति की व्यथाकथा

62

भारतीय संस्कृति में दम्पति वरण

63

नारी की गरिमा के अनुरूप गुण

65

सुगृहणी के गुण

68

स्त्रियों का आदर एवं सम्मान

69

नारी प्रतिभा का प्रयोग

70

अद्भुत महिला द्वीप

72

ममतामयी माँ की महिमा

72

भारतीय संस्कृति में पुत्रपुत्री में अन्तर नहीं

73

स्त्रीपुरुष में अन्तर नहीं

75

भारतीय नारी का सर्वोत्तम गुण-लज्जा

75

निष्कर्ष

77

भारतीय संस्कृति में स्त्री के सम्बन्ध में सम्मान-सूचक

विचारों की अनुगूँज समुद्र पार भी

80

संदर्भ ग्रंथ

83

अनुक्रमणिका

85

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy

Book Categories