| Specifications |
| Publisher: Vidya Vihar, New Delhi | |
| Author Mahesh Dutt Sharma | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 142 | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 8.5x5.5 Inch | |
| Weight 130 gm | |
| Edition: 2025 | |
| ISBN: 9789348957665 | |
| HBV780 |
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सं त रविदास
प्रसिद्ध भारतीय कवि और समाजसुधारक जीवन सामाजिक न्याय और समानता के प्रति अति का प्रतीक
था। उनकी रचनाएँ आध्यात्मिकता, नैतिकता और सामाजिक न्याय की पैरवी करती हैं और सभी
मनुष्यों के लिए करुणा तथा प्रेम की गहरी भावना से ओत-प्रोत हैं। संत रविदास कचीरदास
के समकालीन थे। वे कधीर की तरह स्वामी रामानंदजी के शिष्य थे। गुरु ग्रंथसाहिब में
संत रविदास की वाणियों का भी संकलन है। उनकी योग्यता एवं महत्ता से प्रभावित होकर मीराबाई
ने उन्हें अपना गुरु बनाया और उनसे भीक्षा ली। वे मूल रूप से एक भक्त और साधक थे। उनकी
वाणियों और पदों में दन्य भावना, शरणागत, ध्यान की तल्लीनता तथा आत्मनिवेदन की भावना
प्रमुखता से पाई जाती है। भक्ति के सहज एवं सरल मार्ग को उन्होंने अपनाया था सत्संग
को भी महत्त्व दिया है। जात-पात के भेदभाव को मिटाने का महत्त्वपूर्ण कार्य उनके सरल
काव्य ने किया और मानव को जीवन जीने की कला तथा मानवता का पाठ पढ़ाया। अधिक पड़े-लिखे
न होते हुए भी उन्होंने समाज को जाग्रत् करने का अद्भुत कार्य किया। समरसता और समभाव
का अमर संदेश देनेवाले शिरोमणि संत रविदास की प्रेरक जीवनगाथा।
हिंदी के प्रतिष्ठित
लेखक महेश दत्त शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत
थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ
वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में
कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी
पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र
में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं- मध्य प्रदेश विधानसभा
का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा
डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज
कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँस् द्वारा लेखन के क्षेत्र में 'बुंदेलखंड
युवा पुरस्कार', समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्य द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि
। संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।
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