हिन्दी साहित्य अकादमी की क्षेत्रिय और प्रकाशनलक्षी प्रवृत्तिओं के माध्यम से राष्ट्रभाषा का प्रचार-प्रसार और राष्ट्रभाषा का संवर्धन करना हमारा उद्देश रहा है। इसी हेतु के लिए अकादमी ने अच्छे साहित्यकारों के उत्कृष्ट लेखन के लिए उन्हें पुरस्कृत किया है। हिन्दी साहित्य अकादमीने अच्छी कृतियों का प्रकाशन भी किया है।
हर्षदेव माधव संस्कृत के मूर्धन्य कवि, विवेचक, कहानीकार और शिक्षणशास्त्री हैं। आपने संशोधन व साहित्यिक सृजन से अपना नाम इतिहास में लिख लिया है। 'तव स्पर्शे स्पर्श' संग्रह के द्वारा केन्द्रीय साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्राप्त करके आपने गुजरात का गौरव बढाया हैं। आप गुजराती के भी उत्तम साहित्यकार है।
कवि का यह हिन्दी काव्यसंग्रह उनकी बहुभाषाभाषी प्रतिभा का परिचायक है। डॉ. रामकरण शर्मा ने 'बहुभाषाभाषी' सोलह साहित्यकारों में आपका नाम समाविष्ट किया है। यह भी हमारे लिए गौरवप्रद बाबत है। आज 'तनहाइयों की परवरिश' संग्रह का प्रकाशन हिन्दी साहित्य अकादमी को आनन्द और गौरव दे रहा है।
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