| Specifications |
| Publisher: SAHITYA AKADEMI | |
| Author: चम्पा शर्मा (Champa Sharma) | |
| Language: Hindi | |
| Pages: 92 | |
| Cover: Paperback | |
| 8.5 inch x 5.5 inch | |
| Weight 130 gm | |
| Edition: 1991 | |
| NZA303 |
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पुस्तक परिचय
ठाकुर रघुनाथ सिंह सम्याल ( 1885 1963) तहसील साम्बा, जिला जम्मु के एक जागीरदार परिवार में पैदा हुए । उन्होंने औपचारिक शिक्षा केवल आठवीं कक्षा तक ही प्राप्त की लेकिन स्वाध्याय तथा लोकसम्पर्क से उनका व्यक्तित्व निरन्तर निखरता चला गया । स्वभाव से मिलनसार, निर्भीक एवं स्पष्टवक्ता होने के कारण वे जनप्रिय थे । उन्होंने अपना कार्यजीवन एक मिडिल स्कूल में अध्यापन से शुरू किया । बाद में वे पटवारी नियुक्त हुए और विभिन्न स्थानों पर कार्य करते करते तहसीलदार के पद तक जा पहुँचे ।
श्री सन्याल का जीवन डोगरी समाज, साहित्य और संस्कृति के लिए समर्पित था । वे इन क्षेत्रों में कार्य करनेवाली संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े रहे । उन्हें डोगरी, पंजाबी, हिन्दी, संस्कृत, उर्दू और फारसी के प्रसिद्ध कवियों के असंख्य पद, श्लोक, छंद और शे र कंठस्थ थे । साहित्य सुजन, विशेषकर काव्य रचना के क्षेत्र में, उन्होंने अपनी प्रौढ़ावस्था में कदम रखा । अरुणिमामें उनकी प्रतिनिधि कविताएँ संकलित हैं । उन्होंने डोगरी, हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और फारसी में कविताएँ लिखने के अतिरिक्त गिलगित्ती (शिना) भाषा में एक उपयोगी व्याकरण की भी रचना की । सम्याल कृत श्रीमद्भगवतगीता का डोगरी अनुवाद अत्यन्त लोकप्रिय है । उनकी मृत्यु अठहत्तर वर्ष की आयु में कैंसर से हुई ।
लेखक परिचय
डोगरी की सुपरिचित लेखिका चम्पा शर्मा ने इस विनिबन्ध में कवि सम्याल के जीवन संघर्ष तथा उनके रचनात्मक योगदान का समुचित आकलन किया है ।
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अनुक्रम |
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1 |
परिचय |
7 |
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2 |
समाज सुधारक |
21 |
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3 |
काव्य कला एवं सर्जना |
34 |
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4 |
गीता अनुवादक के रूप में |
43 |
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5 |
शिना व्याकरण के रचयिता |
53 |
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6 |
उपसंहार |
55 |
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7 |
चयन |
59 |
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8 |
संदर्भ ग्रंथ सूची |
91 |
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