| Specifications |
| Publisher: CHAUKHAMBHA ORIENTALIA, Delhi | |
| Author Rambahadur Dubey | |
| Language: Sanskrit and Hindi | |
| Pages: 243 | |
| Cover: PAPERBACK | |
| 8.5x5.5 inch | |
| Weight 300 gm | |
| Edition: 2021 | |
| ISBN: 9789389329827 | |
| HAF224 |
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नामः डॉ. रामबहादुर दूबे (सह-प्रोफेसर)
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ पताः (वर्तमान) 4ए/ 105, विशालखण्ड, गोमतीनगर लखनऊ, 226010
मो.नं: 9415427947, 914035745
स्थायी- ग्राम डडवा, पो. सेमरी बाजार, जिला- सुल्तानपुर, (उ.प्र.) पु जन्मतिथि: 01.01.1960 (एक जनवरी सन् उन्नीस सौ साठ)
अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बने इस हेतु मंदिर विध्वंश के समय से ही सर्वविध प्रयत्न हिन्दु समाज ने समय समय पर किये हैं। सन् 1990 में आयोजित कार सेवा में मैं भी मेरे गृह नगर लक्ष्मणगढ़ सीकर से 30 कार सेवकों का नेतृत्व करता हुआ लखनऊ रेल से पहुंचा। लखनऊ से आयोध्या तक सात दिन तक केवल रात्रि में छिपते छिपाते पैदल ही चलकर अयोध्या पंहुचे। उस समय अयोध्या में मंदिर बनाने की शपथ लेने वाले लाखों कार सेवकों में मैं भी एक था। हजारों कार सेवक इस कार सेवा में शहीद हुए मैं भी शहीद होते होते बच गया गोलियों की बौछारों में भी सायद प्रभू मुझे इसी जीवन में भव्य श्रीराम मंदिर का दर्शन करने के सौभाग्य दिलाना चाहते है। सम्भवतः इसीलिये मेरे साथी को गोली लगी उसको मैं अस्पताल ले गया। अतः मैं बच गया। वह भी प्रभु कृपा से बच गया।
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